Teesre Bhav Me Surya Ke Fal Aur Upay

 Teesre Bhav Me Surya Ke Fal Aur Upay

जन्म कुण्डली के तीसरे भाव में सूर्य के फल और उपाये


कुण्डली का यह भाव मंगल और बुध से प्रभावित होता है । दोनों से ही सूर्य का मित्रत्व संबंध है । इस नाते यहाँ सूर्य शुभ प्रभाव देता है । ऐसे जातक के जीवन में 16 और 32वा वर्ष विशेष होते हैं । ऐसे जातक को पिता और पुत्र की तरफ से अच्छा सुख और सहयोग मिलता है । ऐसे जातक को सूर्य के कारक विषय के सभी सुख प्राप्त होते हैं । अब बात करते हैं यदि जन्म कुण्डली के इस भाव में सूर्य नीच या शत्रु राशि या फिर शनि राहु की दृष्टि में हो तो, ऐसे जातक को नोकरी प्राप्ति में बाधा आती है, भाई बंधु, आसपड़ोस से रिश्तों में टकराव, कंधे और हृदय रोग ऐसे जातक को परेशान करते हैं , ऐसे जातक का पिता और पुत्र अपने जीवन में व्यर्थ की यात्राएं करते हैं, कई बार तो ऐसे जातक का पुत्र विदेश यात्रा करता है और वहाँ से धन के नुकसान करके वापिस आता है । इस नाते ऐसे जातक को इन सब समस्याओं के निदान हेतु सूर्य से शुभता प्राप्ति के उपाये करने चाहिए , उम्र के 16 और 32वे वर्ष में दूर की यात्रा, वाहन और घर की खरीदारी के फैसले लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए । अब बात करते हैं यदि जन्म कुण्डली के इस भाव में सूर्य की स्थिति खुद की राशि, मित्र राशि, शुभ ग्रहों से संबंधित हो तो, ऐसे जातक को तकनीकी शिक्षा ( hardware and repairing )  के कार्यो में सफलता प्राप्ति के योग होते हैं, ऐसे जातक का पिता या छोटा भाई travel & transport के कार्यो से जुड़े होते हैं, ऐसे जातक का network circle बहुत मज़बूत होता है, मित्र उच्च कोटि के होते हैं और मदद भी करते हैं । इस के इलावा तीसरा भाव arts से संबंधित भी होता है , यदि सूर्य पर बुध या शुक्र का प्रभाव हो तो ऐसे जातक painting , designing, photography में अच्छा कैरियर बनाते हैं, सरकारी नोकरी प्राप्ति के योग ऐसे जातक के लिए होते हैं । इस के इलावा तीसरा भाव बुध का होने के कारण लेखन की ताकत भी जातक के पास होती है यानी अच्छा लेखक ऐसा जातक होता है । ऐसा जातक सच बोलने में, धर्म का पालन करने में , दान पुण्य करने में विश्वास करने वाला होता है, उम्र के 16 और 32 वे वर्ष में इनको कुछ नया करने के अवसर प्राप्त होते हैं, घर और नोकरी से संबंधित स्थान परिवर्तन होते हैं जो कि आगे भविष्य में शुभता देते हैं । यहाँ से सूर्य की दृष्टि भाग्य भाव पर पड़ती है जिस से ऐसा जातक समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करता है । 

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 तीसरे भाव में विराजमान सूर्य से शुभता प्राप्ति के उपाये 

* दाहिने हाथ में तांबे का कड़ा किसी भी रविवार को धारण करें ।

* भाई बंधुओं से संबंध मधुर रखें, कष्ट के समय उनकी सहायता करें ।

* रविवार के दिन नारियल और बादाम जल परवाह करें ।

* जन्म कुण्डली में मंगल की शुभता प्राप्ति के उपाये करें ।

* नवरात्रि के दिनों में कन्या पूजन करें ।

Deep Ramgarhia

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