Uttar Disha Se Jude Vastu Vichar
Uttar Disha Ka Mahatav
वैसे तो वास्तु में हर दिशा का अपना अलग महत्व है , लेकिन उत्तर दिशा का महत्व इस लिए है क्यूंकि यह दिशा जीवन को स्थाईत्व देती है । जीवन मे लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति , सुख और वैभव की प्राप्ति , भौतिक सुखों की प्राप्ति इसी दिशा के माध्यम से होती है । घर तो बना लिया लेकिन उस घर मे ऐसा वातावरण लाना कि घर मे मन भी लगे , घर से सुख की प्राप्ति भी हो , जो भी मेहमान आये उसका भी जाने का मन ना करें , घर की स्त्रियां और बच्चे सुख से रहें , ऐसे घरेलू वातावरण की प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा की शुभता ज़रूरी है ।
- नवग्रहों में बुध ग्रह का संबंध उत्तर दिशा से है , और बुध ग्रह पृथ्वी तत्व होने के कारण ही इस दिशा में पृथ्वी के समान गुरुत्वाकर्षण है , इस लिए इस दिशा के सही इस्तेमाल से गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से, जीवन में तरक्की के अवसर , सुख और वैभव की प्राप्ति , भौतिक सुख , लक्ष्मी कृपा , संतान पक्ष से संबंधित खुशियां अपने आप चली आती हैं ।
- इस दिशा का महत्व इसी से पता चलता है कि कुण्डली का चतुर्थ भाव इस दिशा से संबंधित है । कुण्डली का चतुर्थ भाव उन सभी चीज़ों से सम्बन्ध रखता है जिन से हमे मानसिक रूप से खुशी , बल और मजबूती की प्राप्ति होती है , इस लिए वो सभी चीज़े जिन से हम दूर नहीं होना चाहते उन सभी को इस दिशा में रखना चाहिए ।
- यदि कुण्डली के चतुर्थ भाव मे पाप ग्रह ( शनि, राहु, केतू ) हो , लेकिन घर में उत्तर दिशा में वास्तु अनुसार सही व्यवस्था कर दी जाए , तो उन पापी ग्रहों के प्रभाव में काफी हद तक कमी आती है । ( सिर्फ घर के मुख्य सदस्य के लिये लागू )
- यह दिशा हमे इस धरातल पर मज़बूती देती है , वर्तमान में आप जिन भी कार्यो पर काम कर रहे हैं , उन सभी से संबंधित कागज़ात , उन में काम आने वाले अन्य उपकरण इस दिशा में रखे जा सकते हैं ( भारी सामान ना हो ) । अपने प्रियजनों की तस्वीरें , बच्चों की तस्वीरें , जिन्हें देख कर आपको खुशी मिलती है , जिन से आप दूर नहीं जाना चाहते , उन सभी के चित्र इस दिशा में लगाये जा सकते हैं ।
- व्यवसायिक स्थल पर जिन से भी लेन देन होते हैं , जो अच्छे ग्राहक हैं , जो अच्छे साँझीदार हैं , जो अच्छे सलाहकार हैं , आपकी मदद करने वाले हैं , उन सभी के नाम लिखे रजिस्टर इस दिशा में रखे जा सकते हैं , जिस से आपका और उनका साथ जीवन के लंबे समय तक बना रहे ।
- लक्ष्मी कृपा प्राप्ति के लिए पूजा उपासना करते समय मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए , जिस से भी आपको आर्थिक लाभ की इच्छा है उस से वार्तालाप करते समय भी मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए ।
- अपने प्रियजनों से बात करते समय मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए , बच्चों को कोई सीख देते समय भी मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए , जिस से वो लम्बे समय तक उस सीख का जीवन मे सदुपयोग करें ।
- इस दिशा में drawing room , living room , बच्चो का कमरा वास्तु अनूकूल होता है । जबकि मेहमानों को इस दिशा में बने कमरे में नहीं लाना चाहिए ।
- हालांकि इस दिशा में रसोई घर होना भी वास्तु दोष देता है, लेकिन यदि रसोई घर को shift नहीं कर सकते तो कोशिश करें कि चूल्हा ( गैस ) रसोई घर मे अग्नि कोण ( दक्षिण - पूर्व ) में ही जलाये , ऐसा करने से वास्तु दोष का प्रभाव कम हो जाएगा ।
- उत्तर दिशा के लिए अनुकूल रंग हल्का हरा है , इस के इलावा आँवले का पौदा , अन्य ऐसे पौदे जो कद में छोटे हो इस दिशा में लगाये जा सकते हैं । तोते का चित्र , आर्टिफिशियल पौदे भी इस दिशा में रखे जा सकते हैं ।
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