Teesre Bhav Me Chandrma Ke Fal Aur Upay
जन्म कुण्डली का यह भाव बुध और मंगल से प्रभावित होता है । जिस में मंगल से चंद्रमा की मित्रता है और बुध से सामान्य भाव है । इस वजह से इस भाव में विराजमान चंद्रमा मंगल के दुष्प्रभाव दूर करता है, यानी कि ऐसे जातक को चोट, दुर्घटना, झगड़े का भय नहीं होता, ना ही जातक के परिवार में से कोई दुर्घटना का शिकार होता है । मानो एक तरह से जैसे जातक ने महाकाल का हाथ थाम रखा हो और उनकी कृपा से कोई भी बड़ी विपत्ति जातक पर नहीं आती । लेकिन यहाँ विराजमान चंद्रमा को बुध का साथ नहीं मिलता, यानी जो सामाजिक सफलता के लिए ज़रूरी विषय हैं : मधुर वाणी, समय पर कार्य करना, चतुराई से कार्य करना, मित्र बनाना, खुद के लाभ के लिए सभी से मधुर संबंध रखना यह सब ऐसा जातक नहीं कर पाता, जिसकी वजह से वह अकेला होने का अनुभव करता है, जीवन में आने वाले अवसरों का सही उपयोग वह नहीं कर पाता । अब बात करते हैं यदि तीसरे भाव में विराजमान चंद्रमा शत्रु राशि, शत्रु ग्रहों की दृष्टि, युति से प्रभावित हो, तो ऐसे जातक को परिवार से भावनात्मक सहयोग नहीं मिलता, उसके माता पिता उसको आगे बढ़ने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं देते, मित्र, भाई बहन भी उसके प्रति सहयोग नहीं करते, ऐसे जातक के लिए यात्रा का अनुभव कभी भी सुखद नहीं होता, यात्रा में नुकसान या दुर्घटना का भय बना रहता है, ऐसे जातक की माता का जीवन कष्टकारी होता है, माता को जातक की 28 वर्ष की आयु के आसपास आंख या हृदय के रोग होने के योग होते हैं, और पिता को मूत्र अंगों से जुड़े रोग की संभावना होती है । ऐसे जातक के परिवार में झगड़े भोजन और धन को लेकर होते हैं, खरीदारी को लेकर झगड़े होते हैं, लेकिन इतना सब होने के बाद भी कोई बड़ी विपत्ति ऐसे परिवार पर नहीं आती और सब सदस्य एक साथ रह रहे होते हैं । इस के इलावा ऐसे जातक के लिए शिक्षा प्राप्ति के अनुभव अच्छे नहीं होते, क्योंकि वह स्कूल / कालेज के समय में किसी ना किसी चिंता या तनाव में घिरे होते हैं , और बड़े होकर भी नोकरी करने में यह रुचि नहीं लेते , इनको स्वास्थ्य के लिए समय पर भोजन करना चाहिए । अब बात करते हैं यदि इस भाव में विराजमान चंद्रमा मित्र राशि, शुभ ग्रहों की दृष्टि , युति प्रभाव में हो, तो ऐसे जातक as career upsc तक सफलता प्राप्त करने के योग्य होते हैं, और शिक्षा प्राप्ति के लिए घर से दूर की यात्रा भी करते हैं, यदि चंद्रमा भाग्येश होकर विराजमान हो तो विदेश यात्रा के योग होते हैं, और यदि 12वे भाव का स्वामी होकर यहाँ चन्द्रमा विराजमान हो तो ऐसे जातक IT sector या फिर software engineer, medical और teaching जैसे विषयों में सफलता प्राप्त करते हैं , यहाँ चंद्र मंगल की युति भी इन्हें सेना, पुलिस, sports activities में सफलता के योग देती है, जबकि चंद्र शनि युति कानूनी विषय और चंद्र बृहस्पति युति दृष्टि संबंध management में सफलता प्राप्ति के योग देता है, तीसरे भाव में शुभ चंद्रमा वाला जातक अच्छे स्वास्थ्य वाला होता है, gym या dance academy चलाने के योग होते हैं, यात्रा के शौकीन, मित्रों के साथ घूमना, तैराकी करना इन्हें पसंद हो सकता है । इनकी कोई बहन विदेश होती है या फिर कोई मित्र महिला विदेश में हो सकती है ।
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तीसरे भाव में विराजमान चंद्रमा से शुभता प्राप्ति के उपाये
* दाहिने हाथ में चांदी का कड़ा कटा हुआ किसी भी सोमवार को धारण करें ।
* मंगलवार के दिन मीठे व्यंजन ( जलेबी, गुड़, गन्ने का रस, शर्बत, हलवा ) दान करें ।
* बुधवार के दिन हरी मूंग पक्षियों को या गाय को खिलाएं ।
* घर आने वाले मेहमानों को जल ज़रूर दें ।
* नवरात्रि को कन्या पूजन करके आशीर्वाद प्राप्त करें ।