Teesre Bhav Me Mangal Ke Fal Aur Upay
कुण्डली का तीसरा भाव तकनीकी शिक्षा में कैरियर सफलता, साहस और पराकर्म, छोटे भाई बहनों का सुख, यात्रा में सफलता , बीमारी के बाद स्वास्थ्य सुधार , हाथों से की जाने वाली सभी क्रियायों को यह भाव दर्शाता है । कालपुरुष कुण्डली के अनुसार तीसरे भाव में मिथुन राशि आती है जिसका स्वामी ग्रह बुध है । तीसरे भाव में मंगल विराजमान होने से, जातक के लिए तकनीकी शिक्षा ( मकैनिकल और इंजीनियरिंग ) में जाने के योग बनते हैं । तीसरा भाव पराकर्म है तो मंगल ग्रह अग्नि का कारक है, इस लिए ऐसे जातक बिजली के कार्य, अग्नि के कार्य , आग बुझाने के कार्य , रक्षा विभाग जैसे बॉडीगार्ड होना , इस तरह के कैरियर में सफलता के योग बनते हैं । मंगल खेलों का कारक होने के कारण ये खेलों में भी सफलता प्राप्त करते हैं । तीसरा भाव यात्रा का है तो मंगल रक्षा का कारक है, इस लिए ऐसे जातक दूसरों को बचाने के लिए यात्रा करना जैसे कि फ़ौज व अन्य बचाव विभाग ( जैसे NDRF टीम ) इस तरह के कार्य में इनको सम्मान मिलता है । इनके छोटे भाई बहनों में मंगल के गुण ( जैसे कि क्रोध होना, science विषयो में बेहतर होना ) गुण होते हैं , इस लिए भाई बहनों से इनका रूठना मनाना चलता रहता है , लेकिन मदद भी बहुत मिलती है । यदि मंगल पर कोई दुष्ट ग्रह का प्रभाव ना हो तो यह मंगल इनके स्वास्थ्य को बहुत अच्छा रखता है , यह किसी भी बीमारी से बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं, कोई भी रोग इनको ज़्यादा देर परेशान नहीं कर सकता । लेकिन यदि मंगल के साथ शनि या राहु की स्थिति हो ( तीसरे भाव का अंगारक योग ) , यह स्थिति इनको यात्रा से कष्ट देती है , ये कभी भी तकनीकी कार्यो में सफल नहीं हो पाते, साथ ही छोटा सा रोग भी इनको परेशान करता है । तीसरे भाव में चन्द्रमा मंगल की युति इनको जल्दी ही क्रोध देती है, और फिर जल्दी ही शांत भी हो जाते हैं , शुक्र मंगल या मंगल राहु की युति हो तो ऐसे जातक जब भी कही बाहर जाते हैं तो धन का खर्च बहुत करते हैं , जैसे कि 2 दिन भी बाहर रहना हो तो खाना ये five star होटल से ही खाते हैं, जिस से अधिकतर खर्च का बोझ जेब पर पड़ता है । खास कर मित्रो के साथ इनको यात्रा का अवसर मिले तो यह कभी भी तैयार हो जाते हैं । शुक्र मंगल, मंगल राहु की युति या दृष्टि प्रभाव हो तो यह कम्प्यूटर प्रोग्रामर होते हैं या किसी भी प्रकार से कम्प्यूटर साफ्टवेयर के माध्यम से कैरियर बनाते हैं । जबकि 3rd भाव में मंगल हो और नवम भाव में गुरु या बुध हो तो यह कामर्स के माध्यम या CA जैसी उच्च शिक्षा , या बैंक में भी नोकरी करने के योग होते हैं । यदि नवम भाव में , चतुर्थ भाव में , दूसरे भाव में मंगल के शत्रु ग्रह हो तो तीसरे भाव का मंगल परेशानी देता है ।
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तीसरे भाव में विराजमान मंगल की अशुभता दूर करने के उपाये
* सफेद धागे को हल्दी से रंग कर गुरुवार के दिन हाथ पर धारण करें ।
* मंगलवार के दिन गाय को गुड़ खिलाये , या बंदरो को गुड़ खिलाये ।
* मंगल राहु की युति हो तो चांदी का कड़ा हाथ में धारण करें ।
* मंगल केतु की युति हो तो काला धागा हाथ में धारण करें ।
* सफेद धागे या चांदी की चेन में चांदी का चोकोर सिक्का गले में धारण करें ।
* माता या माता समान स्त्रियों के पाव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें ।
* अगर नवम भाव में मंगल का शत्रु ग्रह है उसका उपाये करें ।