Shukra Se Shubhta Prapti Ke Upay
Ashubh Shukra Ke Lakshan
शुक्र ग्रह जीवन में प्यार, रोमांस, काम तथा चेहरे की रोनक को दर्शाता है | उच्च शिक्षा, विदेशी स्त्रोत, ग्रहस्थ जीवन की सफ़लता अच्छे शुक्र के कारण ही जीवन में आते हैं | इनके इलावा सुन्दर वस्त्र, आकर्षक और रोनक से भरा घर, जीवन साथी का सुख तथा अन्य प्रेम सम्बन्ध, भोतिक सुख, शारीरिक सुख कुण्डली में शुक्र की अनुकुलता से ही प्राप्त होते हैं | और इस के विपरीत अशुभ, कमज़ोर शुक्र के कारण ग्रहस्थ जीवन में परेशानी, व्यय ज़्यादा होना और कर्ज़ में फ़स जाना, चर्म रोग हो जाना, घर और वस्त्रो का साफ़ ना रहना ऐसी दिक्कते परेशान करती हैं | जन्म कुण्डली में शुक्र दुष्प्रभाव दे रहा हो तो प्रेम संबंध बन कर टूट जाते हैं, ऐसे रोग होते हैं जो आसानी से समझ में नहीं आते, स्त्री सुख की कमी, मूत्र अंगों से जुड़े रोग, व्यर्थ की यात्राओं पर धन का खर्च, साँझीदारी में हानि यह सब शुक्र के अशुभ फल होते हैं ।
Shukra Se Shubhta Prapti Ke Upay
- खाने में शुद्ध घी का सेवन करना चाहिए, घी का दीया सुर्य अस्त के बाद तुलसी जी के आगे जलाना चाहिए |
- अगर नकारात्मक विचार बहुत रहते हो, तो गले में सफ़टिक की माला धारण करनी चाहिए |
- शुक्र अशुभ या कमज़ोर हो, और धन की दिक्कत हो, तो अपने भोजन में से एक रोटी हर रोज़ गाय को देनी चाहिए |
- अगर रात को बुरे सपने आते हो, नीन्द में बाधा आती हो, तो रोज़ रात को सोने से पहले पैरो को अच्छी तरह से धोकर साफ़ करके, सोना चाहिए |
- कुण्डली में शुक्र कमज़ोर हो, आय की कमी हो, तो माता लक्ष्मी जी की अराधना सुर्य अस्त के बाद रोज़ रात को करनी चाहिए, और लक्ष्मी प्रतीमा के आगे घी का दीया जलाना चाहिए |
- शुक्र राहु की युति हो, शुक्र 6th भाव में हो कर अशुभ हो, तो वर्ष में 100 गायो को चारा खिलाना चाहिए , या फ़िर वज़न के बराबर जवार / चरी का दान गोशाला में करना चाहिए |
- शुक्र केतु की युति हो, शुक्र 12th भाव में हो कर अशुभ हो, तो शुक्रवार के दिन कुछ बताशे जल प्रवाह करने चाहिए | रोज़ रात को 10 से 12 के बीच लक्ष्मी जी की अराधना करनी चाहिए |
- शुक्र शनि की युति हो, शुक्र 10th भाव में हो कर अशुभ हो, तो घर की दक्षिण - पूर्व दिशा में लाल रंग के 3 बलब लगाने चाहिए, जो दिन भर जगते रहे, इस से शुक्र शुभ होगा और घर की स्त्रीयो का स्वास्थ भी अच्छा रहेगा |
- शुक्र बुध की युति हो, शुक्र 3rd भाव में हो कर अशुभ हो, तो दूध में शहद मिला कर लेना चाहिए , और भोजन के बाद सोन्फ़, मिश्री का सेवन करना चाहिए | जीवन साथी को ताम्बे का कडा धारण कराना चाहिए
- शुक्र अश्टम भाव में हो या फ़िर अश्टमेश हो कर अशुभ हो, तो बीमार गायो की सेवा करनी चाहिए, किसी कन्या के विवाह के लिए मदद करनी चाहिए |
- शुक्र केन्द्र या त्रिकोण भावो का स्वामी हो कर कमज़ोर हो, तो शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दही अरपित करना चाहिए , शुक्रवार के दिन दही लगा कर स्नान करना चाहिए |
- हमेशा साफ़ और धुले हुये वस्त्र धारण करने चाहिए |
- महीने में एक बार जीवनसाथी के साथ बाहर भोजन करने जाना चाहिए ।
- स्त्रीयो का सम्मान करना चाहिए, शुक्रवार के दिन घर में ताज़े फ़ूल लाकर बेडरूम में रखने चाहिए, इस से ग्रहस्थ जीवन की परेशानी दूर होती है, जीवन साथी की और से सुख मिलता है |
- इन के इलावा अगर शुक्र त्रिकोण भावो का स्वामी हो तो शुक्र का रत्न हीरा या फ़िर ओपल धारण कर सकते हैं, घर को और खास कर बेडरूम को साफ़ रखना चाहिए, बेड पर कोई भी सामान खास कर जूठे बरतन नहीं रखने चाहिए, और ना ही बिसतर पर बैठ कर खाना खाएं, बिस्तर के नीचे जूते चप्पल ना रखें ।