Jyotish Anusar Mukhya Greh Ka Mahatav

Jyotish Anusar Mukhya Greh Ka Mahatav

ज्योतिष अनुसार राशि और मुख्य ग्रह का महत्व

 

दोस्तों आप सभी ने लग्न और लग्नेश के महत्व के बारे में तो बहुत बार जाना और समझा होगा, लेकिन आपकी राशि और मुख्य ग्रह के बारे में जानकारी देने का प्रयास आज करते हैं । ज्योतिष में जितना महत्व लग्न और लग्नेश का है उतना ही राशि और मुख्य ग्रह का भी है । आपकी राशि यानी आपकी जन्म कुण्डली में जिस राशि में चंद्रमा की स्थिति होती है वह, और उस राशि के स्वामी ग्रह को मुख्य ग्रह कहा जाता है, यानी एक तरह से हृदय का मन का इंद्रियों का स्वामी ग्रह आप उसको कह सकते हो । जैसे कि माने अगर आपकी जन्म कुण्डली में चंद्रमा मेष राशि का हो तो आपकी राशि मेष होगी और मुख्य ग्रह मंगल होगा, इसी तरह यदि चंद्रमा सिंह राशि में है तो राशि सिंह और मुख्य ग्रह सूर्य होगा । इसी पर चर्चा करते हैं :

आपकी राशि : आपकी राशि आपके लालन पालन ( nourishment ) को दर्शाती है, आपका स्वास्थ्य कितना बेहतर है, आपकी देखभाल कितने अच्छे तरीके से की गई है , आपकी माता अपने निजी जीवन में कितनी सुखी हैं यह सब चन्द्रमा की स्थिति से पता लगता है । जानकारी के लिए बता दें वृषभ राशि में चंद्रमा उच्च के और वृश्चिक राशि में चंद्रमा नीच के होते हैं, जबकि कर्क राशि चन्द्रमा की अपनी राशि है । सूर्य, मंगल, शुक्र से चंद्रमा की मित्रता है जबकि बुध, ब्रहस्पति और शनि से चंद्रमा की शत्रुता है । ब्रहस्पति भले ही देव ग्रह हैं लेकिन क्योंकि चन्द्रमा ने ब्रहस्पति की पत्नी से संयोग किया था इस नाते इनकी राशि धनु और मीन में चंद्रमा की स्थिति हो और शनि राहु की दृष्टि हो तो कलंक योग बनता है । जबकि शुक्र भले ही दैत्य ग्रह हैं लेकिन यहां चंद्रमा शुभ होकर अच्छे फल देते हैं । मेष और सिंह राशि में चंद्रमा शुभ फल देता है, इस के साथ कन्या और कुंभ राशि में भी चन्द्रमा शुभ फल देता है, सिर्फ मिथुन और मकर राशि में चंद्रमा की स्थिति निजी जीवन में समस्या, भोग विलासिता की कमी, विवाह और संतान में देरी करते हैं हालांकि इन सब के लिए सप्तमेश की स्थिति देखना भी अनिवार्य है । 

आपका मुख्य ग्रह : चन्द्रमा से आपकी nourishment तो हो गई, आपको सही गलत की शिक्षा मिल गई, लेकिन आप उनका इस्तेमाल कैसे करेंगे, आप कैसे प्राप्त की गई शिक्षा को ग्रहण कर उसको सहेजते हैं और समय आने पर आप इन्ही शिक्षा और संस्कारों का प्रदर्शन भी करते हैं , इतना महत्वपूर्ण होता है मुख्य ग्रह । माने आपकी राशि मकर या कुंभ है और राशि स्वामी शनि वक्री है या नीच राशि है तो अच्छी शिक्षा के बाद भी आपको नोकरी / व्यवसाय में समस्या आएगी, आसपास के लोगों की वजह से आप अच्छा महसूस नहीं करेंगे आप उनकी वजह से घुटन और तनाव महसूस करेंगे । इसी तरह मुख्य ग्रह सूर्य हो और शनि राहु से पीड़ित हो तो भी प्रतिष्ठा प्राप्ति में बाधा आती है, लोग आपके सम्मान की हानि करते हैं, आपके अधिकारी लोग आपका अपमान करते हैं । इसी तरह चन्द्रमा या शुक्र मुख्य ग्रह हों और शनि राहु से पीड़ित हों तो व्यक्ति बहुत जल्दी बेचैन होता है, घबराहट में हाथ पैर में कंपन होने लगता है , ऐसे लोगों को हृदय और पेट के रोग बहुत परेशान करते हैं । ग्रहस्थ जीवन से जुड़ी समस्याएं विवाह में देरी , कलह , संतान प्राप्ति में बाधा ऐसे लोगों को परेशान करते हैं । 

महत्वपूर्ण है कारक ग्रह चंद्रमा : भले ही आपकी कोई भी राशि हो , भले ही चंद्रमा वृषभ राशि का हो लेकिन बुध, शनि, राहु / केतु से पीड़ित हो तो भी चंद्रमा शुभ फल देने में असमर्थ होता है, इस के इलावा केन्द्रद्रुम दोष , सूर्य चन्द्रमा युति से बनने वाला अमावस्या योग, पाप कर्तरी योग यह कुछ ऐसे योग हैं जिनकी वजह से चंद्रमा बहुत खराब फल देता है, विशेष कर महिला की कुण्डली हो तो विवाह और संतान में बाधा आती है । चंद्रमा जल तत्व को संतुलित रखता है चंद्रमा खराब हो तो वीर्य की कमी हो जाती है, बेचैनी, घबराहट, मानसिक रोग व्यक्ति को परेशान करते हैं । और सब से महत्वपूर्ण बात अगर मुख्य ग्रह या चन्द्रमा खराब हो तो ऐसा व्यक्ति ज्योतिषी के बताये गए उपाये भी नहीं कर पाता । यदि लग्नेश और मुख्य ग्रह में शत्रुता है तो भी व्यक्ति को कार्यो की सफलता प्राप्ति में बाधा आती है, व्यक्ति परेशान रहता है । 

You can also read this :

Vastu Anusar Uttar Disha Ka Mahatav

Budh Greh Se Shubhta Prapti Ke Upay

Shukra Greh Se Shubhta Prapti Ke Upay

ऐसी समस्या का समाधान : सब से पहले तो चंद्रमा की मज़बूती के उपाये करने चाहिए, सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करें, सोमवार के दिन दूध और जल के दान करें, अमावस्या तिथि का व्रत करें । साथ ही मुख्य ग्रह को जानकर उसकी शुभता प्राप्ति के लिए उपाये करें, यदि मुख्य ग्रह की लग्नेश से शत्रुता है तो वस्तुएं गरीबों में दान करें, चाहे तो जल प्रवाह करें या ज़मीन में दबा दें , और अगर मुख्य ग्रह लग्नेश का मित्र है तो वस्तुएं मंदिर में दें । 


Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

1 Comments

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

  1. बढ़िया ज्ञानवर्धक लेख

    ReplyDelete
Previous Post Next Post