Teesre Bhav Me Shani Ke Fal Aur Upay
कुण्डली का तीसरा भाव छोटे भाई बहनों , आस पड़ोस , छोटी यात्राएं , पराकर्म , सहनशीलता , हाथों से किये जाने वाले सभी तरह के कार्य चाहे रिपेयरिंग के कार्य हो या लेखन के कार्य हो , शब्दो के चुनाव के लिए भी यही भाव होता है । और शनि ग्रह जो कि कर्म कारक , अनुशासन का ग्रह है । इस लिहाज से तीसरे भाव मे शनि ग्रह शुभ फल देता है , इसका दूसरा पहलू है कि कालपुरूष कुण्डली में बुध की मिथुन राशि आती है जो कि शनि ग्रह का मित्र ग्रह है इस लिए शनि इस भाव मे अपनी शुभता देता है , बस शर्त यह है कि किसी नैसर्गिक अशुभ ग्रह ( सूर्य, मंगल, राहु , केतु ) से शनि का संबंध ना बने , और ना ही कुण्डली में शनि ग्रह वक्री हो । तो बात करते हैं तीसरे भाव मे मिलने वाले शनि ग्रह से शुभ फल की । ऐसा जातक टेक्निकल विषयो में ( जैसे कि कम्प्यूटर और मोबाइल के कार्य ) मे अच्छी सफलता प्राप्त कर सकता है , ऐसे जातक जब भी बोलते हैं तो शब्दों का चुनाव सोच समझ कर करते हैं , हो सकता है कभी लगे कि ये पुराने ख्यालात के , ऐतिहासिक चीज़ों में , पुरानी किताबो में रुचि रखने वाले हो , जिस से कुछ लोग इन्हें नापसन्द भी करते हैं । ये बहुत अच्छे टीचर भी हो सकते हैं , एडवोकेट हो सकते हैं , अगर मंगल की स्थिति भी अच्छी हो तो ये खेलों में भी सफलता प्राप्त करते हैं । क्योंकि 3rd भाव यात्रा से संबंधित होता है और शनि कर्म कारक ग्रह है इस लिए ये जीवन मे यात्राएं भी बहुत करते हैं , इनका कार्य ही यात्रायों से संबंधित होता है । भाई बहनों से और आस पड़ोस से इनके रिश्ते सामान्य रहते हैं , घरेलू संबंधों में कुछ परेशानी रहती है क्योंकि यहां से शनि की दसवीं दृष्टि 12वे भाव पर आती है इसकी वजह से स्त्री सुख कमी होती है । अब अगर शनि वक्री है या राहु की दृष्टि में है तो इन्ही सब विषयो में परेशानी होगी , वाणी की वजह से लोग नाराज़ भी होंगे , हाथों से किये जाने वाले कार्यो में हुनर की कमी रहेगी , छोटे भाई बहन को कष्ट रहेगा , तो इस स्थिति में कुछ उपाये करें
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तीसरे भाव मे विराजमान शनि की अशुभता दूर करने के उपाये
* सुबह शाम कुछ समय अनुलोम विलोम करें , इस से क्रोध में कमी आएगी ।
* हाथ मे लोहे का कड़ा धारण करें ।
* पक्षी बेचने वाले से पक्षी खरीद कर उन्हें आज़ाद करवाये , पिंजरा कचरे में फेंक दें ।
* सांस या हृदय के रोग के मरीज़ों को दवा का दान करें ।
* कन्या पूजन करके कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें ।
* जीवनसाथी के द्वारा काले चने की दाल शनिवार के दिन मन्दिर में दें ।