Teesre Bhav Me Rahu Ke Fal Aur Upay
कुण्डली का तीसरा भाव छोटे भाई बहनों , आस पड़ोस , छोटी यात्राएं , पराकर्म , सहनशीलता , हाथों से किये जाने वाले सभी तरह के कार्य चाहे रिपेयरिंग के कार्य हो या लेखन के कार्य हो , शब्दो के चुनाव के लिए भी यही भाव होता है । यह भाव कुण्डली का त्रिक भाव होने के कारण इस भाव में पापी और क्रूर ग्रह शुभता देते हैं । इस लिए राहु ग्रह 3rd भाव में शुभता देता है , बोल्डनेस इस भाव से आती है , अगर क्लास में अध्यापक 20 बच्चों से कोई सवाल करे तो तीसरे भाव के राहु वाला सब से पहले जवाब देने की क्षमता रखता है ,वो जवाब सही हो या गलत वो अलग बात है । यहां तीसरे भाव में राहु क्रूर ग्रह के नक्षत्र में हो तो ऐसा जातक जब भी बोलता है क्रोध में बोलता है , लेकिन अगर राहु किसी सौम्य ग्रह के नक्षत्र में हो तो ऐसा जातक सौम्यता से बोलता है । यदि नक्षत्र स्वामी त्रिकोण या केंद्र के भावो में हो तो भाई बहनों और मित्रो से आस पड़ोस से रिश्ते मधुर होते हैं । लेकिन अगर नक्षत्र स्वामी 6, 8, 12वे भाव में हो तो रिश्तो का सुख नही मिलता, ऐसे जातक को ठगने वाले मित्र मिलते हैं । साथ ही क्योंकि 3rd भाव यात्रा से भी संबंधित होता है , इस लिए यदि नक्षत्र स्वामी 6, 8, 12 में हो तो अनावश्यक यात्राएं जीवन में होती हैं ,अगर नक्षत्र स्वामी केंद्र या त्रिकोण में हो या 11वे भाव में हो तो यात्रायों से लाभ होता है । ऐसे जातक को माता पिता की और से सुख नही मिलता । हालांकि यदि 3rd भाव में राहु हो नक्षत्र स्वामी 12वे भाव में हो तो ऐसा जातक artist हो सकता है , डिजाइनिंग और वस्त्रो के कार्य करने वाला हो सकता है । लेकिन यदि तीसरे भाव में राहु के साथ शत्रु ग्रह युति में हो या फिर भाग्य भाव में शत्रु ग्रह हो तो राहु की स्थिति विपरीत परिणाम देते हुए साहस और पराकर्म की हानि करती है , आस पड़ोस और मित्रो से भी संबंध खराब होते हैं । राहु अशुभता दे रहा हो तो ऐसा जातक हाथों से कार्य करने में रुचि नहीं रखता , लिखने की आदत कम हो जाती है
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तीसरे भाव में विराजमान राहु की अशुभता दूर करने के उपाये
* हाथ में चांदी का कड़ा धारण करें ।
* हर दिन कुछ ना कुछ लिखने और पढ़ने की आदत बनाये ।
* आत्म निर्भर बने और अपने कार्य खुद से करें ।
* क्रोध करने से और दूसरों के विपरीत बोलने से दूर रहें ।
* हर रोज़ बाजू और हाथों की एक्सरसाइज करें या फिर फुटबाल खेलें ।
* हर रोज़ एक अच्छा विचार सुने और उसको जीवन में शामिल करें ।
* बुधवार के दिन कन्याओं को दूध या दूध से बनी मिठाई का दान करें ।