Teesre Bhav Me Shukra Ke Fal Aur Upay
जन्म कुण्डली का यह भाव मंगल और बुध से प्रभावित होता है । शुक्र की बुध से मित्रता है और मंगल से शत्रुता है । इस नाते यहाँ शुक्र बुध के कारक विषयों अनुसार तो शुभता देता है कि ऐसा जातक विषय वस्तुओं को अच्छे से समझ सकता है, शिक्षा प्राप्ति में अच्छा होता है, लेकिन मंगल के कारक विषय जैसे कि boldness ऐसे जातक में नहीं होती, जिसकी वजह से वह अपने ज्ञान को अच्छे से प्रस्तुत नहीं कर पाते । ऐसे व्यक्ति के जीवन में उम्र के 16 और 32वे वर्ष में शुक्र के कारक विषय अनुसार शुभ फल प्राप्त होते हैं, जैसे कि वाहन सुख, स्त्री सुख, व्यापार के सुख, आर्थिक सुख । सामान्यता तीसरे भाव में विराजमान शुक्र को गृहस्थ जीवन के लिहाज से शुभकारी नहीं कहा गया है । अब बात करते हैं यदि इस भाव में शुक्र अस्त हो, नीच या शत्रु राशि में हो, शत्रु ग्रहों से युति या दृष्टि के माध्यम से अशुभ फल दे रहा हो तो, ऐसे जातक को महिलाओं की वजह से कष्ट होता है, अगर ऐसी ग्रह स्थिति किसी कन्या की जन्म कुण्डली में है तो उसको पुरूष मित्रों से कष्ट होता है, ऐसे जातक के अनावश्यक खर्च सुख साधनों पर, भोजन, वस्त्र और यात्रा पर होते हैं, ऐसे जातक सफल व्यवसाय नहीं कर पाते, daily income प्राप्ति में रुकावटें आती हैं जिसकी वजह से यह हमेशा परेशान रहते हैं, ऐसे जातक जल्दी ही दूसरों के दुख दर्द से प्रभावित होकर उनकी मदद के लिए तैयार हो जाते हैं, बाद में वह मित्रता प्रेम में परिवर्तित होती है और फिर प्रेम संबंध टूटने से इनको मानसिक कष्ट होता है, विशेष कर यदि इनकी जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति भी खराब हो तो यह बार बार दूसरों की वजह से कष्ट भोगते हैं, इस नाते इन्हें जल्दी ही किसी से मित्रता करने से परहेज़ करना चाहिए । विशेष पर मंगल में शुक्र या राहु में शुक्र की अंतरदशा हो तो इनका मन बिना मेहनत के धन प्राप्ति के रास्तों की तरफ जाता है, जिसकी वजह से यह शेयर बाजार या लाटरी जैसे विषयों से नुकसान उठाते हैं, इन्हें online खरीदारी करते समय भी सावधानी रखनी चाहिए , बुध शुक्र की शुभता प्राप्ति के लिए कन्याओं और महिलाओं की सेवा और मदद करनी चाहिए । अब बात करते हैं यदि इस भाव में शुक्र उच्च राशि, मित्र राशि, मित्र ग्रहों से युति या दृष्टि संबंध में हो तो, ऐसे जातक को designing और automobile में कैरियर के प्रयास करने चाहिए, ऐसे जातक को महिला मित्रों से अच्छा सहयोग प्राप्त होता है, जीवनसाथी के साथ कुछ मतभेद बने रहते हैं लेकिन जीवनसाथी का सुख और सहयोग भी प्राप्त होता है, इनकी यात्रा बहुत सुखद रहती है, यात्रा और घूमने फिरने के अवसर इनको मिलते रहते हैं, मित्रों के साथ मौज मस्ती करके इनको सुख प्राप्त होता है, यह अपने मित्रों के प्रति मददगार भी होते हैं, आसपड़ोस और भाई बहनों के भी अच्छे सुख आपको मिलते हैं, कभी कभी आप ज़रूरत से ज़्यादा खर्च भी करते हैं, खास कर मित्रों की बातों में आकर आप ज़्यादा खर्च करते हैं, तो कभी कभी नई चीजों को सीखने के प्रयास में, कुछ नए research के लिए , या फिर शेयर बाजार पर भी आप ज़रूरत से ज़्यादा धन खर्च करते हैं, वाहन पर भी आपके खर्च ज़्यादा होते हैं, लेकिन तीसरे भाव में शुक्र हो तो जीवन में एक प्रेम संबंध या फिर एक रिश्ता बन कर टूटता भी है, अगर यहाँ विराजमान शुक्र पर अशुभ प्रभाव हो तो छोटे भाई का वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता ।
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तीसरे भाव में विराजमान शुक्र से शुभता प्राप्ति के उपाये
* दाहिने हाथ में चांदी का कड़ा कटा हुआ धारण करें सोमवार के दिन ।
* मंगल और बुध की शुभता प्राप्ति के उपाये करें ।
* शुक्रवार के दिन किसी महिला को शिंगार का सामान दान करें ।
* शुक्रवार के दिन पनीर, जूस, अनार का खुद सेवन करें ।
* शुक्रवार के दिन दूध, चावल, चीनी का दान मंदिर में करें ।