Lagan Bhav Me Shukra Ke Fal Aur Upay

 Lagan Bhav Me Shukra Ke Fal Aur Upay

लग्न / पहले भाव में विराजमान शुक्र के फल और उपाये

यह भाव सूर्य और मंगल से प्रभावित होता है , यह दोनो ही ग्रह शुक्र के शत्रु हैं , इस नाते यहाँ विराजमान शुक्र को सूर्य और मंगल का सहयोग नहीं मिलता । जैसे कि ऐसे जातक को भाग्य के लिहाज से 21 और 22वा वर्ष उसके बाद 28 से 32 के दरमियान का अरसा भी भाग्य और सफलता प्राप्ति के लिहाज से शुभ नहीं होता । इस के इलावा पिता और भाई बंधुओं की तरफ से सुख की कमी, पुत्र संतान के आसपास भी घरेलू जीवन में समस्या होती है । क्यूंकि सूर्य अहंकार का कारक है इस नाते ऐसे जातक को चाहिए किसी भी तरह के महत्वपूर्ण फैसलों में दूसरों की सलाह को शामिल करे, विशेष कर ऐसे जातक को दिन के समय में बनाये गए संबंध, जोड़े गए रिश्ते, किए गए विवाह में बाधा आती है । ऐसे जातक को 25वे वर्ष में विवाह नहीं करना चाहिए । लग्न भाव में शुक्र की स्थिति शत्रु राशि में हो या फिर शुक्र किसी भी राशि में होकर शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो तो जीवनसाथी के सुख खराब होते हैं, साथ ही ऐसा जातक मूत्र अंगों से जुड़े रोग से पीड़ित होता है । ऐसे जातक को पहले पुत्र के जन्म के समय नोकरी / व्यवसाय से जुड़ी समस्या आती है, और दूसरे पुत्र के जन्म के समय घरेलू जीवन में रिश्तों से जुड़ी परेशानी होती है । शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए ऐसे जातक को चाहिए घर पर नोकर रखने से परहेज़ करे, ससुराल वालों से बिजली के उपकरण ना ले, और विधवा या अविवाहित बुआ या बहन को घर पर ना रखे । इस के इलावा लग्न भाव में शुक्र की स्थिति हो और सप्तम भाव में चंद्रमा हो तो जातक की पत्नी और माता के बीच झगड़े होते हैं, अगर सप्तम भाव में सूर्य मंगल या राहु की स्थिति हो तो ऐसा जातक पत्नी के इलावा अन्य महिलाओं से भी संबंध रखता है जिसकी वजह से धन और प्रतिष्ठा की हानि होती है । लग्न भाव में शुक्र की स्थिति हो और 2, 7 या 12वे भाव में शुक्र के शत्रु ग्रह होने पर भी जातक के पास धन की कोई कमी नहीं होती लेकिन उसके बावजूद जातक प्रतिष्ठा और रिश्तों के मामले में निराश होता है, जातक को मानसिक अशांति बनी रहती है । ऐसे जातक को कभी भी गहनों से जुड़ा व्यवसाय या फिर मिठाइयों से जुड़ा व्यवसाय नहीं करना चाहिए, बल्कि विवाह के समय ससुराल वालों की तरफ से कुछ चांदी लेकर हमेशा अपने साथ रखनी चाहिए । राहु / केतु या ब्रहस्पति की दृष्टि शुक्र पर हो तो ऐसे जातक के लिए मेडिकल या ज्योतिष जैसे विषयों में सफलता और तरक्की के योग होते हैं । इसके इलावा लग्न भाव में शुक्र की स्थिति मित्र राशि उच्च राशि या खुद की राशि में हो , शुक्र पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो 21, 22, 28 से 32 के दरमियान अच्छी तरक्की और आर्थिक लाभ होता है, विवाह के समय, पुत्र संतान के जन्म के आसपास भी भाग्य उदय होता है । सिर्फ ऐसे जातक को विवाह के बाद अन्य महिलाओं से दूरी रखनी चाहिए ।

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लग्न / पहले भाव में विराजमान शुक्र से शुभता प्राप्ति के उपाये

* शुक्रवार के दिन दहीं, घी, दूध, चीनी, चावल का दान करें ।

* घर में बनी पहली रोटी गाय के लिए निकाल कर रखें, किसी भी समय गाय को खिला दें ।

* किसी जरूरतमंद कन्या के विवाह में मदद करें ।

* शुक्रवार के दिन दहीं से स्नान करें ।

* किसी भी रूप में चांदी धारण करें ।

Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

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