Lagan Bhav Me Budh Ke Fal Aur Upay
जन्म कुण्डली का यह भाव सूर्य और मंगल से प्रभावित होता है । दोनों ग्रहों की मदद से यहाँ बुध शुभ फल देता है, ज्योतिष अनुसार लग्न भाव में बुध दिग्बली होकर अच्छे फल देता है, जिस में शर्त यह भी है कि बुध अस्त या शत्रु राशि में ना हो । लग्न भाव में बुध शुभ प्रभाव में हो और मित्र राशि में हो तो जातक वाणी से जुड़े कार्यो में सफलता प्राप्त करता है, व्यवसायक गतिविधियों में ऐसा जातक निपुण होता है और 50 ₹ की वस्तु को 100 ₹ में बेचने का हुनर रखता है , घूम फिर कर किये जाने वाले कार्यो में ऐसे जातक तरक्की करते हैं । ऐसे जातक के लिए किताबी शिक्षा कोई मायने नहीं रखती क्योंकि कम उम्र में ही इनका भाग्योदय हो जाता है यानी सूर्य के अरसे 22 वे वर्ष से ही यह धन कमाना शुरू कर देते हैं , विशेष कर गणितबाज़ी में finance विषयों में इनकी अच्छी पकड़ होती है, पढ़ाई के साथ साथ यह part time work करने वाले होते हैं । इस के बाद 28 से 32 वर्ष के दरमियान भी व्यवसायक तरक्की होती है । उत्तर दिशा इनके लिए शुभकारी होती है, बेटी के जन्म के आसपास भी इनके जीवन में अच्छी तरक्की होती है । हालांकि जन्म कुण्डली में सूर्य और मंगल की स्थिति पर भी काफी कुछ निर्भर होता है । यदि इनकी जन्म कुण्डली में सूर्य अशुभ प्रभाव में हो तो इनको पिता का सुख नहीं मिलता, इनके पिता जीवन में व्यर्थ की यात्राएं करते हैं , खास कर 21 और 22वे वर्ष में इनकी शिक्षा पर व्यर्थ के खर्च होते हैं जबकि इनकी शिक्षा भी अधूरी रह जाती है, इस के साथ ही सर पर हरे रंग की टोपी धारण करना इन्हें नुकसान देता है, साथ ही हरे रंग की दवाइयां भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव देती हैं । और अगर जन्म कुण्डली में मंगल किसी भी भाव में होकर खराब हो तो भाई बंधुओं के साथ प्रापर्टी को लेकर विवाद होते हैं, 28 से 32 वर्ष के दरमियान भी इन्हें कर्ज़ और आर्थिक समस्या होती है , और जब भी घर में कंस्ट्रक्शन के कार्य होते हैं तब भी इनको नोकरी / कारोबार में समस्या आती है । लग्न भाव में बुध की स्थिति हो और सूर्य जन्म कुण्डली में अशुभ हो तो नोकरी / कारोबार में प्रतिष्ठा आसानी से नहीं मिलती, जबकि मंगल अशुभ हो तो भाई बंधुओं से परेशानी और प्रापर्टी के सुख खराब होते हैं । इस लिए सूर्य और मंगल में से जो भी ग्रह खराब हो उसके उपाये ज़रूर करने चाहिए । लग्न भाव में बुध हो और 3, 5, 7, 9, 11वे भाव में बुध के शत्रु ग्रह ( चंद्रमा, ब्रहस्पति, राहु ) हों तो भी बुध अशुभ जानना चाहिए , और ऐसे व्यक्ति को एक जगह बैठ कर किये जाने वाले कार्य करने चाहिए, और छोटे छोटे अवसरों के लाभ उठा कर तरक्की करनी चाहिए, एक दम से बहुत बड़ा निवेश नहीं करना चाहिए , खास कर झूठी प्रशंसा करने वाले मित्रों से दूरी रखनी चाहिए । लग्न भाव में बुध की कैसी भी स्थिति हो ऐसे व्यक्ति को जीवन भर बुध की शुभता प्राप्ति के लिए शराब मांसाहार से परहेज़ करना चाहिए, और अगर आपकी जन्म कुण्डली में किसी भी रूप में बुध खराब है तो 28 से 32 वर्ष के दरमियान कोई भी धन से जुड़ा कार्य नहीं करना चाहिए ।
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लग्न / पहले भाव में विराजमान बुध से शुभता प्राप्ति के उपाये
* अंडे, शराब, मांसाहार , हरे रंग की दवाइयां से परहेज़ करें ।
* सर पर काले, लाल या हरे रंग के वस्त्र धारण ना करें ।
* रात्रि को सोते समय पास में जल रखें जिसको सुबह किसी पेड़ पर अर्पित करें ।
* ससुराल वालों की तरफ से कभी भी बिजली के उपकरण ना लें ।
* ग्रहस्थ जीवन में परेशानी हो तो दरवाजे की दहिलीज़ पर चांदी दबाएँ ।