Jiwansathi Se Sukh Prapti Ke Upay

 Jiwansathi Se Sukh Prapti Ke Upay

Jiwansathi Se Sukh Prapti Ke Upay


 Energy Leakage : ये दोष एक बहुत बडा कारण रहता है कि कमरे की दक्षिण और दक्षिण - पूर्व दिशा से सम्बन्धी कोई ध्यान नहीं दिया जाता | यदि इस दिशा में कोई खिडकी या दरवाज़ा है तो यहाँ से energy leakage होना जीवन में romance को कम करता है | इस दिशा में ऊचे पहाडो की तसवीर लगा सकते हैं, खास कर south - east में red या orange color होना चाहिए, pink color का भी इसतेमाल किया जा सकता है | कमरे का यह हिस्सा relationship को growth देता है | और इस दिशा में दोश होने से ग्रहस्थ जीवन में कलेश रहता है, कहासुनी होती है, gf / bf से झगडे होते हैं बिना किसी बात पर breakup हो जाता है | इस लिए इस दिशा को बन्द रखना चाहिए | कुण्डली का 11वा भाव दूशित होगा तो ये तय है इस दिशा में दोष होगा, शुक्र से 4th भाव में कोई पापी ग्रह है तो भी इस दिशा में दोष होगा |

Energy Blocks : कमरे की उतर और उतर - पूर्व दिशा भी बहुत महत्वपूर्ण है, यह दिशा पिछली बातो को भुला कर रिश्ते को नयापन देती है | इस दिशा में दोष होने पर couple एक दूसरे की बीती हुई बातो को लेकर निन्दा करते रहते हैं , जो रिश्ते में नयापन नहीं आने देता | इस दिशा को हवादार होना चल, खिडकी - दरवाज़े, झरने वाली तसवीर, स्वछ पानी से भरा कटोरा इस दिशा में होने चाहिए | Energy blocks यानि कि खिडकी ना होने से एक दूसरे को माफ़ ना करने की भावना आती है, जिस से रिश्तो में खटास आती है | कुण्डली के 3rd भाव में, नवमान्श कुण्डली के 9th भाव में, गुरु से 4th भाव में पापी ग्रह होने से ये तय है इस दिशा में दोष होगा |

Dust downward to Bed : बैड के नीचे मिट्टी होने से, नियमित सफ़ाई ना होने से, जूते - चप्पल , झाड़ू आदि होने से, किसी भी तरह का कबाड होने से, यह स्थिति directly relationship को प्रभावित करती है | ऐसी स्थिति में जीवनसाथी, gf / bf से धोखा मिलता है , जीवन साथी का शारीरिक सुख प्राप्त नहीं होता | कुण्डली में 6th भाव पर बुरा प्रभाव होने से, केतु से 4th भाव में बुरा प्रभाव होने से, नवमान्श कुण्डली के 12वे भाव में बुरे ग्रह होने से ये तय है बिसतर के नीचे कबाड रहेगा, और जीवनसाथी का सुख प्राप्त करने में बाधा आयेगी | इस लिए बिसतर के नीचे नियमित सफ़ाई करनी चाहिए |

Malefic effect Upward to Bed : अगर आपका बिसतर बीम के नीचे है, ये भी ग्रहसथ जीवन के सुख को प्रभावित करता है | छत और दीवारो पर जाले होने, मकडी या छिपकली आदि रहना भी नकारात्मक ऊर्जा देता है | ये सब स्थितिया शयन सुख में कमी करती हैं, नीन्द में रूकावट देती हैं | कारण कुण्डली में 8th भाव का पीडित होना, शनि से 4th भाव में पीडित ग्रह होना, और नवमान्श कुण्डली का भी अश्टम भाव पीडित होना हो सकता है | उपाये के तौर पर कमरे की साफ़ सफ़ाई का ध्यान रखना चाहिए, अगर कमरे में छिपकली रहती हो तो साबूत सेन्धा नमक कमरे के कोनो में रखना चाहिए, इस से कमरे की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है |

 North West : कमरे की उतर - पश्चिम दिशा, कोई छोटा सा गमला इस दिशा में होना चाहिए, छोटे हसते हुये बच्चों के चित्र लगा सकते हैं | लेकिन धातु का सामान कोई भारी सामान इस दिशा में दोष पैदा करता है | वायु तत्व की दिशा होने के कारण, यह दिशा भी relationship की growth में वृद्धि करती है | इस के विपरीत इस दिशा में दोष होने से पति - पत्नि, प्रेमी - प्रेमिका में आपसी समझ की कमी रहती है, मानसिक तौर पर कमज़ोर बनाती है, रिश्तो में शक और वहम करने की आदत देती है | कुण्डली के 5th भाव का सम्बन्ध इस दिशा से होता है, जो कि रोमांस से ही सम्बन्धित है, और जब यह दिशा ही दोषपूर्ण हो गई, जिस से जातक के मन में ही हीन भावना आ गई, शक और वहम आ गया तो फ़िर रोमांस तो आयेगा ही नहीं | इस लिए इस दिशा के दोष को दूर करना भी ज़रूरी है, उपाये के तौर पर रोमांस करते पक्षीयो का जोड़ा इस दिशा में लगा सकते हैं, या फ़िर छोटा सा पौदा रख सकते हैं |

You can also read this :

Aarthik Sthiti Ki Mazbooti Ke Liye Upay

Jaane Ghar Ka Vastu Sirf Panch Mintue Me

Karz Mukti Ke Liye Upay

 Direction of Sleep : सोते समय सर दक्षिण या फ़िर पूर्व दिशा की और होना चाहिए, पत्नी को पति के बाय और सोना चाहिए, और सोते समय सामने रोमांस करते जोड़े ( birds ) की तसवीर दिखे, या कोई अन्य कुदरती सुन्दर दृश्य दिखे, कमरे में दीवार, परदे, bedsheet का color pink, orange, जैसे light shades होने चाहिए | शुक्रवार के दिन कुछ ताज़े फ़ूल खरीद कर कमरे में रखने चाहिए |

Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

Post a Comment

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

Previous Post Next Post