Mangal Se Shubhta Prapti Ke Upay

Mangal Se Shubhta Prapti Ke Upay 


नवग्रहों में अशुभ मंगल के लक्षण और शुभता प्राप्ति के उपाये


Ashubh Mangal Ke Lakshan

मंगल तीसरे भाव का कारक होने की वजह से साहस और प्राकर्म का प्रतिनिधित्व करता है, इस के इलावा fitness level तथा stemina भी मंगल से आता है कि जातक शारीरिक तौर पर कितना मज़बूत है | इन लेहाज़ से कुण्डली में मंगल अशुभ या कमज़ोर होने से जातक में साहस और प्राकर्म की कमी तो रहती ही है, साथ ही शारीरिक रोग / व्याधीया / कमज़ोरी भी जातक को परेशान करती हैं । जन्म कुण्डली में मंगल अशुभ होने पर दांतों से जुड़े रोग, क्रोध के चलते आपसी रिश्तों की खराबी, त्वचा से जुड़े रोग, हृदय , पेट और मूत्र अंगों से जुड़े रोग परेशान करते हैं, भाई बंधुओं से विवाद, पैसे का फसना, कर्ज़, कामकाज में समस्या भी मंगल के दुष्प्रभाव होते हैं ।

Mangal Se Shubhta Prapti Ke Upay

  •  सब से पहले क्युकि मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है, इस लिए खाने में लाल चीज़ो का सेवन करना चाहिए : अनार, गाजर, टमाटर, चुकंदर आदि |
  • क्युकि मंगल अग्नि तत्व है, इस लिहाज़ से शरीर में भी अग्नि तत्व को संतुलित रखने के लिए और कफ़ को कम करने के लिए कुछ प्रोटीन युक्त भोजन तथा मेवे : बादाम, किशमिश, अखरोट आदि का सेवन करना चाहिए |
  •  क्युकि मंगल का सम्बन्ध खून से भी है, इस लिए blood circulation भी अच्छा रहे, इस के लिए नियमित व्यायाम, jogging, yoga तथा exercise करके शरीर को फ़िट रखना चाहिए | ऐसी दिनचर्या बनाने से skin के रोग भी दूर होंगे और blood circulation भी अच्छा रहेगा |
  •  क्युकि मंगल सैनापति है, और सैनापति सुर्य यानि राजा की सेवा में रहता है, इस लिए सुर्य यानि पिता से अच्छे सम्बन्ध होने चाहिए, पिता के कहे अनुसार चलना चाहिए , अगर पिता जीवन यात्रा पूरी कर गये हैं तो पित्रो के निमित श्रद्धा भाव रखना चाहिए , उनके निमित दान - पुण्य करना चाहिए |
  •  यदि भाई और दोस्तों के साथ कम बनती हो, आत्म - विश्वास में भी कमी रहती हो तो मंगलवार के दिन मीठी बुन्दी या बदाने का दान बच्चों में करना चाहिए |
  •  यदि मंगल केन्द्र या त्रिकोण भावो का स्वामी हो कर कमज़ोर या अशुभ हो तो मंगलवार के दिन हनुमान जी के आगे तिल के तेल का दिया जलाना चाहिये, सिन्दूर अरपित करना चाहिए, गुड़ - चने का भोग लगाना चाहिए |
  •  यदि मंगल राहु की युति हो, मंगल 6th में हो, या मंगल पर राहु की द्रिश्टी हो तो केतु का उपाये करना चाहिए, नियमित मंगल मन्त्र का 108 बार जाप, और मंगलवार के दिन हनुमान जी को ध्वजा अरपित करे | और एक तिकोनी ध्वजा अपने घर की छत पर भी लगाये |
  •  यदि मंगल केतु की युति हो, मंगल 12th में हो या मंगल पर केतु की द्रिश्टी हो तो राहु का उपाये करना चाहिए, मंगलवार के दिन कुछ रेवडीया जल प्रवाह करनी चाहिए, और शनिवार के दिन लाल मसूर की दाल सफ़ाई कर्मचारी को दान करे |
  •  यदि मंगल शनि की युति हो, मंगल 11th में हो या मंगल पर शनि की द्रिश्टी हो तो शनि मंगल का उपाये करे, मंगलवार के दिन मज़दूरो को पके हुए भोजन का दान करे, सम्भव हो तो काली गुलाबजामुन का दान भी करे 21 मज़दूरो को, काली मिर्च का सेवन खाने में करें, और लाल मिर्च खुद घर में लोहे के कुण्डे से पीसे जिस का सेवन खाना बनाने में हो |
  •  यदि कुण्डली में मंगल बुध युति या द्रिश्टी सम्बन्ध हो, और मंगल की दशा हो, और आय में कमी हो रही हो, कर्ज़ की दिक्कत हो, तो उपाये के तौर पर पांच गुलाब के फ़ूल सफ़ैद वस्त्र में लेकर 21 बार गायत्री मन्त्र बोलते हुए जल प्रवाह करे |
  • यदि मंगल अश्टम भाव में हो, या अश्टमेश हो कर केन्द्र या त्रिकोण में हो, या केन्द्र या त्रिकोण का स्वामी हो कर अश्टमेश से पीडित हो, तो महीने में एक बार शनिवार या मंगलवार के दिन सुन्दरकाण्ड का पाठ करे
  •  इन के इलावा दाहिने हाथ में ताम्बे का कड़ा, मंगल का रत्न, हनुमान चालीसा का पाठ करने से, मंगल स्तोत्र का पाठ करने से, भोजन के बाद गुड तथा सोन्फ़ का सेवन करने से भी मंगल शुभ होता है |
  • इस के इलावा एक बहुत ही असरदार उपाये है जिस से बहुत लाभ होता है, किसी मिट्टी के बर्तन में शहद लेकर उसको घर के पूजा स्थल में मंगलवार के दिन रखें , और इस शहद हर महीने मंगलवार के दिन बदल दिया करें । 
  •  चांदी की डिब्बी में सिंदूर रखने से भी मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव दृर होते हैं । 
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Deep Ramgarhia

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