ज्योतिष अनुसार मंगल का जीवन पर प्रभाव - दीप रामगढ़िया
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ज्योतिष अनुसार मंगल अग्नि तत्व ग्रह है जिसकी प्रकृति पित प्रधान है । मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है , मकर राशि में मंगल को उच्च बल strong mars प्राप्त होता है जबकि कर्क राशि में मंगल नीच weak mars होता है । वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल तृतीय भाव का कारक है यानी व्यक्ति को साहस पराक्रम यात्रा के सुख सहनशीलता बोलने की कला , भाइयों और मित्रों के सुख मंगल के शुभ प्रभाव good mars से प्राप्त होते हैं । Astrology field of study
जैमिनी ज्योतिष अनुसार मंगल को भतरी कारक ग्रह कहा गया है जिसका विचार इन्ही सब विषयो के सुख के लिए किया जाता है । इस के इलावा व्यक्ति को ज़मीन के सुख भी मंगल की शुभ स्थिति से ही प्राप्त होते हैं । जबकि मंगल की अशुभ स्थिति जन्म कुण्डली में होने पर ऐसे व्यक्ति को हृदय रोग, त्वचा रोग, दांतों के रोग, मूत्र अंगों से जुड़े रोग होते हैं , और कर्ज की समस्या, कोर्ट कचेहरी, भाइयों से विवाद , ज़मीन या घरेलू सुख का अभाव होता है । Astrology chart
मंगल का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल अग्नि है, क्रोध है, कार्य क्षमता है, लीडर है, सैनापति है, ज़ोर है, ज़ुर्रत है, जोश है, जुनून है, हथियार है, शक्ति है, बल है | जन्म कुण्डली में जब मंगल शत्रु राशि या शत्रु ग्रह के साथ ( बुध, शनि, शुक्र, राहु, केतु ) बैठा होता है तो नुकसान देता है | मंगल के अशुभ प्रभाव के रूप में जातक में boldness यानि खुलेपन की कमी होती है, वह अपनी कोई भी बात खुल कर कह पाने में असमर्थ होता है | मंगल शारीरिक सुख में कमी करता है खून के रोग या क्रोध और जिद की वृद्धि की वजह से त्वचा रोग होते हैं | मित्रो और भाइयो से कष्ट मिलता है | मंगल खराब के लक्ष्ण
जन्म कुंडली में मंगल इन भावों में देता है अशुभता
House astrology ज्योतिष अनुसार मंगल नैसर्गिक अशुभ ग्रह है | और अशुभ ग्रह जन्म कुंडली के 3, 6, 10, 11 भाव में शुभता देते हैं | अशुभ फल की बात करें तो जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8, 12 भाव में मंगल अशुभता देता है | इन भाव में मंगल होने पर जातक को मांगलीक भी कहा जाता है | हालाकि ऐसे बहुत सारे अन्य पहलु भी हैं जैसे कि जन्म कुंडली में मंगल नीच राशी का, अपनी राशी का, मंगल अस्त हो , मंगल चंद्रमा के साथ हो ऐसी स्थिति में मंगल दोष नहीं भी लगता | खास कर मंगल 4, 8, 12 भाव में धन और रिश्तों के लिहाज़ से ज्यादा कष्टकारी होता है | Horoscope Topic
कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति देती है प्रेम विवाह
वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल आज़ाद मर्द है और शुक्र आज़ाद लडकी है | इस नाते यदि लग्न, चलित या नवमांश कुंडली में मंगल शुक्र की युति या दृष्टि संबंध हो लग्न या चंद्रमा का भी संबंध हो तो प्रेम विवाह का योग होता है | विशेष कर पंचम भाव में मंगल शुक्र युति हो तो प्रेम विवाह का मजबूत योग होता है | Astrological sign
कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति देती है कर्ज़ की समस्या
वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल को कर्ज़ का कारक भी कहा गया है | और जन्म कुंडली में 2 और 11 भाव धन यानि आर्थिक सुख से संबंधित होते हैं | इस नाते यदि जन्म कुंडली में मंगल शत्रु राशी का होकर या 6, 8, 12 भाव का स्वामी होकर 2 या 11 भाव को प्रभावित करे तो ऐसी स्थिति में कर्ज़ चुकाने में समस्या आती है | यह अशुभ योग और भी बलि होता है जब मंगल को शनि या राहू का साथ मिल जाता है | Birth chart astrology
कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति देती है ग्रहस्थ जीवन में समस्या
वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल को झगड़े का कारक भी कहा गया है | और जन्म कुंडली में 2, 7, 11 भाव ग्रहस्थ जीवन के सुख से संबंधित होते है | इस नाते यदि जन्म कुंडली में मंगल शत्रु राशी का होकर या 6, 8, 12 भाव का स्वामी होकर 2, 7, या 11 भाव को प्रभावित करे तो ऐसी स्थिति में पति पत्नी में झगड़ा होता है | यह अशुभ योग और भी बलि होता है जब मंगल नीच राशी का या फिर शत्रु ग्रह से प्रभावित हो | Deep Ramgarhia
कुंडली में मंगल से बनने वाले शुभ अशुभ योग
मंगल हमारी धरती से 30 - 35 मिलियन मील दूर है जिसका काम सिर्फ लड़के लड़कियों की शादी में बाधा डालना है, जिन्होंने सिर्फ इतना ही सुना है उनको आज मंगल दर्शन करवाया जाता है । यहां असली बात बताई जाती है जिसके लिए दिमाग नहीं चलेगा कि इसका सबूत क्या है, बात सीधा दिल में उतरेगी, दिल खुद गवाही देगा कि हां यही सच है । Deep Ramgarhia
मंगल की ऐसी स्थिति बनाती है डाक्टर या प्रशासनिक कर्मी
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मन + गल = मंगल, जिसका मन गल चुका है, मन मर चुका है उसका मंगल मज़बूत है, वो किसी बंधन में नहीं है । किसी फौजी को किसी पुलिस वाले को हुकुम हो जाए कि वहाँ पर कुछ लोगों को मारना है, तो मार देंगे वो रहम नहीं करेंगे क्योंकि उनको कोई मोह नहीं है, उनका चंद्रमा कमज़ोर है मंगल मज़बूत है । कोई डॉक्टर है उसको operation करना है, किडनी निकालनी है, दिल निकालना है, वो रहम नहीं करेगा, चीर फाड कर निकाल लेगा । क्योंकि उसका भी चंद्रमा कमज़ोर है मंगल मज़बूत है । यहाँ से समझ लेना चाहिए मंगल को जो करना है वह करेगा | जिसका चंद्रमा खराब हो, जिसका चतुर्थ भाव खराब हो वह डाक्टर, पुलिस, फौजी बन सकता है | Deep Ramgarhia
कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति करवाती है झगड़ा
जन्म कुंडली में खराब और बद मंगल! जिसकी नज़र सिर्फ मांस के टुकड़ों तक है, शरीर को नोचने वाला यौन शोषण करने वाला भेड़िया मंगल है, शराबी और मार पीट करने वाला मंगल है । जब कोई महिला कहे कि उसका पति उसको जीने नहीं देता, शराब पीता है मारपीट करता है, उसके घर आने से दम घुटता है, वहां झट से समझ जाना चाहिए कि उस महिला की कुंडली में मंगल खराब है । सड़क पर चलने वाला, लड़कियों को छेड़ने वाला गुंडा मंगल है, जो लड़की पीड़ित हो रही है उसकी कुंडली में मंगल खराब है । Deep Ramgarhia
कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति देती है आर्थिक हानि
शेयर बाजार जब गिरता है तो ऐसा कहा जाता है bears active हो चुके हैं । यह भी मंगल है भेड़िया है जो छोटे traders को नोचता है, उनको शेयर बाजार से बाहर कर देता है । जन्म कुंडली में पंचम भाव शेयर बाज़ार से संबंधित है | इस नाते जब किसी की जन्म कुंडली में मंगल शत्रु राशी का होकर या फिर अशुभ ग्रहों से संबंधित होकर पंचम भाव को प्रभावित करता है तो जातक को आर्थिक हानि होती है |
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कुंडली में मंगल की ऐसी स्थिति देती है लक्ष्मी योग
ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में 2 और 11 भाव धन से संबंधित होते हैं | वैदिक ज्योतिष अनुसार चन्द्र मंगल युति या त्रिकोण संबंध को लक्ष्मी योग कहा जाता है | इस नाते जब चंद्र मंगल केंद्र और त्रिकोण का स्वामी होकर 2 या 11 भाव से संबंधित होते हैं तो लक्ष्मी योग होता है | विशेष करके कर्क लग्न में यह योग शुभता देता है | यह योग और भी प्रबल होता है अगर मंगल केंद्र में उच्च या अपनी राशी में हो मतलब रुचक योग बना रहा हो | Deep Ramgarhia
कुंडली में अशुभ और नीच मंगल देता है पैसे की दिक्कत
बात करते हैं कर्ज़ की, मूल पर ब्याज खाने वाला ब्याजड़िया मंगल है, जिसको कोई काम धंधा नहीं है, महीने की एक निर्धारित तारीख को वह दर पर किश्त लेने आ जाएगा, उसके आगे कितना भी गिड़गिड़ाते हो वह रहम नहीं करेगा, किसी भी मजबूरी से उसका कोई लेना देना नहीं है, मंगल मन्त्र का जप करने से, पूजा करने से, खाना खिलाने से वह ब्याजड़िया 30, 40 दिन के लिए शांत हो सकता है लेकिन बात वही अटकी रहेगी कि उसको सिर्फ उसका पैसा वापिस चाहिए और ब्याज के साथ चाहिए । इस नाते कर्ज़ ना चुका पाने की घुटन भी अशुभ और नीच मंगल ही देता है । Deep Ramgarhia
यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया कि ज्योतिष में मंगल का महत्व, मानव जीवन पर मंगल का प्रभाव और अशुभ मंगल weak mars के लक्ष्ण | आप इस जानकारी के माध्यम से समझ गये होंगे कि मंगल का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है!
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