Vyavsayak Safalta Ke Liye Upay
दोस्तों आज की इस post में हम चर्चा करेंगे कि यदि आपके पास income ही नहीं आ रही, जैसे कि आपके पास income का कोई स्थाई साधन नहीं है, या फिर आपकी नोकरी बार बार छूट जाती है, या फिर आप खुद का व्यवसाय करते हैं और उस में भी आपकी तरक्की नहीं हो रही , इन सब स्थिति के लिए कोनसी ग्रह स्थिति ज़िम्मेदार होती है, और इसके लिए क्या उपाये होंगे यह हमारी आज की चर्चा का विषय है । जानकारी के लिए बता दें कि जन्म कुण्डली के 12 भावों में से दसम भाव को कर्म स्थान कहा जाता है । किसी जातक को कार्यस्थल पर कोनसे कार्य करने पड़ सकते हैं, जातक निम्न वर्ग की नोकरी करेगा या फिर उच्च पद पर आसीन होगा , यह दसम भाव और इसके स्वामी ग्रह की स्थिति से पता लगता है । जबकि उस जातक को चाहे वह कोई peon हो चाहे वह कोई clerk हो नोकरी करते हुए उच्च अधिकारियों की तरफ से कितनी परेशानी होगी यह छठे भाव और इस के स्वामी ग्रह की स्थिति से पता लगता है । और यदि कोई व्यवसाय कर रहा है तो उसको labour या मशीनरी कितनी परेशान करेगी यह दसम भाव और इसके स्वामी ग्रह से पता लगता है, जबकि market में उसके product और services की कितनी प्रतिष्ठा होगी यह छठे भाव और इसके स्वामी ग्रह की स्थिति से पता लगता है । विशेष रूप से किसी व्यवसाई के लिए छठे भाव का शुभ होना ज़रूरी है क्योंकि यह भाव daily income को दर्शाता है । तो चर्चा शुरू करते हैं
चाहे आपकी कोई भी लग्न हो और जन्म कुण्डली के दसम भाव में नैसर्गिक शुभ ग्रह जैसे कि चन्द्रमा, बुध, ब्रहस्पति या शुक्र की स्थिति है या फिर दसम भाव 2 ऐसे ग्रहों की स्थिति है जिनका आपस में शत्रुत्व भाव है जैसे कि सूर्य शनि, चन्द्र शनि, मंगल शनि, या फिर सूर्य राहु, मंगल राहु तो ऐसी स्थिति में चाहे आप नोकरी करते हो चाहे आप व्यवसाई हो कार्यस्थल पर आपको परेशानी होगी, आप नोकरी करते हैं तो अधिकारी लोग आपसे कभी खुश नहीं रहेंगे । और अगर आप व्यवसाई हैं तो आपकी लेबर कभी आपसे खुश नहीं रहेगी ।
अब बात करें छठे भाव की तो यदि छठे भाव में नैसर्गिक शुभ ग्रह हैं या फिर 2 ऐसे ग्रह छठे भाव मे हैं जिनका आपस में शत्रुत्व भाव है तो ऐसी स्थिति में अगर आप नोकरी करते हैं तो आपके अधिकारी लोग आपसे ज़्यादा काम करवाएंगे, आप समय पर कभी घर नहीं जा पाते । जबकि अगर आप व्यवसाई हैं और छठे भाव में यह स्थिति है तो आपके customer आपके product और services से खुश नहीं होंगे, आपके products की market में value ही नहीं बनेगी, तो ऐसी स्थिति में income में रुकावट तो होगी ही । मतलब कुल मिला कर अगर जन्म कुण्डली के छठे और दसम भाव में नैसर्गिक शुभ ग्रह हो तो चाहे आप नोकरी करें चाहे व्यवसाय आपको समस्या आती है । तो अब जल्दी से जान लेते हैं उपायों के बारे में ,
दसम भाव के चन्द्रमा के लिए पिता, बड़े भाई या बहन से कुछ चावल या चांदी लेकर उसको हमेशा अपने पर्स या अलमारी में रखें , जबकि दसम भाव के बुध या ब्रहस्पति के लिए पिता, बड़े भाई या बहन से कुछ पैसे लेकर उसको हमेशा अपने पर्स या अलमारी में रखें , जबकि दसम भाव के शुक्र के लिए पिता, बड़े भाई या बहन से bedsheet प्राप्त कर उसका इस्तेमाल करें ।
अब बात करते हैं छठे भाव से संबंधित उपायों की, यदि छठे भाव में चन्द्रमा या ब्रहस्पति हो तो किसी पवित्र नदी या तीर्थ स्थल से जल लाकर घर के पूजा स्थल में रखें , यदि छठे भाव में बुध ग्रह की स्थिति हो तो किसी किन्नर से कुछ पैसे लेकर उन पैसों को अपने पर्स या घर की अलमारी में रखें, और यदि छठे भाव में शुक्र ग्रह की स्थिति हो तो bedroom में पक्षियों के जोड़े की तसवीर लगाएं ।
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इस के इलावा यदि आपकी जन्म कुण्डली के छठे या दसम भाव में विराजमान सूर्य, चन्द्रमा , मंगल किसी की भी युति शनि या राहु से है तो इन ग्रहों से संबंधित पूजन किसी ब्राह्मण से करवाएं, तभी आपकी समस्याएं दूर होगी और आप तरक्की करेंगे । तो दोस्तों यदि आपकी जन्म कुण्डली में यह ग्रह स्थिति है और आप काम काज को लेकर परेशान हैं तो इन उपायों से आपको जरूर लाभ होगा ।