Dakshin Purav Se Jude Vastu Vichar
Dakshin Purav Ka Mahatav
जैसे कि इस दिशा का नाम ही अग्नि कोण है , और अग्नि सत्य की प्रतीक है । जीवन और मृत्यु जीवन के परम सत्य हैं । मृत्यु कभी भी आ सकती है, इस लिए इस दिशा के शुभ प्रभाव से आलस्य को दूर रखते हुए कार्यो को करने की प्रेरणा और ऊर्जा हमे मिलती है । और दूसरा , वंश वृद्धि से परिवार को चलायमान रखना , यानी संतान प्राप्ति में यह दिशा सहायक है । इस दिशा से संबंधित अन्य शुभ विचार
- नवग्रहों में शुक्र ग्रह इस दिशा पर प्रभाव रखता है । शुक्र रिश्तो को संजोने का ग्रह है , key word : give love and recieve love, इस लिए जिनकी नई शादी हुई हो लेकिन आपस मे झगड़ा रहता हो , इनको आपसी सुख के लिए इस दिशा में रहना चाहिए । लेकिन अगर झगड़े का कारण क्रोध हो, तो ऐसे पति पत्नी को इस दिशा में नहीं रहना चाहिए , क्योंकि अग्नि तत्व के प्रभाव से क्रोध में वृद्धि होगी, जिस से झगड़े बढेंगे ।
- शुक्र ग्रह संतान प्राप्ति में सहायक है , इस लिए ऐसे पति पत्नी जिनको संतान प्राप्ति में देरी हो रही हो , ऐसे पति पत्नी को अग्नि कोण में रहना चाहिए । लेकिन गर्भवती स्त्री को अग्नि कोण में नहीं रहना चाहिए ।
- यह दिशा आकर्षण देती है, साथ ही आलस्य दूर करती है । इस लिए जो विद्यार्थी पढ़ाई के प्रति आलस्य करते हैं, उन्हें चाहिए कि वो अपने पूरे दिन के time table को पेपर पर लिख कर अपने रोम में अग्नि कोण में चिपका दें । इस से वो अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे । साथ ही अपने ideal की तस्वीर भी यहाँ लगा सकते हैं, इस से उन्हें अपने target achieve करने में मदद मिलेगी , बेहतर रुचि से exam की तैयारी कर पायेंगे ।
- बिजली का मीटर , बिजली के स्विच बोर्ड , इनवर्टर आदि भी इस दिशा में होने चाहिए । लेकिन टीवी , कम्प्यूटर , लैपटॉप को अग्नि कोण की बजाय इस से कुछ दूरी पर पूर्व दिशा में रखना चाहिए , जिस से बच्चे इनका इस्तेमाल ज़रूरत के अनुसार करें और इन चीज़ों का सही तरह से इस्तेमाल करें ।
- वास्तु अनुसार इस दिशा में रसोई घर होना चाहिए । इस के इलावा इस दिशा में बने कमरे में उन बच्चों को रहने दे सकते हैं जो आलसी और सुस्त हो , इस दिशा के प्रभाव से वो बेहतर कार्य करेंगे । लेकिन उन सदस्यो को इस दिशा में नही रहना चाहिए जिन्हें क्रोध जल्दी आता है , इस से उनके क्रोध में वृद्धि होगी ।
- जबकि इस दिशा में पानी के स्त्रोत होना, या फिर टॉयलेट / बाथरूम होना इस दिशा को पीड़ित करता है । ऐसी स्थिति में घर की स्त्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत रहने लगती है , और बाकी सदस्य भी आलसी होने लगते हैं ।
- कुण्डली का 12वा भाव इस दिशा से संबंधित होता है, जो कि शयन का है , इस लिए बैडरूम में bed इस दिशा में रखना चाहिए , और इस तरह रखे कि सोते समय सर दक्षिण दिशा की तरफ रहे । किसी विशेष मन्त्र सिद्धि या कार्य सिद्धि के लिए अगर पूजा उपासना करनी हो तो इस दिशा में बैठ कर करने से मनोकामना जल्दी पूरी होती है । जो सदस्य ग्रहस्थ को भोग चुके हैं यानी कि घर के बुजुर्ग जिनको मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा पाठ करना होता है उनको भी इस दिशा में रह कर दैनिक पूजा पाठ करना चाहिए । लेकिन ग्रहस्थ कार्यो में लगे हुए को इस दिशा में पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए ।
- इस दिशा में रखी गई दवाइयां जल्दी रोग दूर नहीं करती , ऐसे में दवाइयों पर काफी खर्च होने लगते हैं , इस लिए इस दिशा में ना तो बीमार सदस्य को रहना चाहिए और ना ही दवाइयां इस दिशा में रखनी चाहिए
- वास्तु के अनुसार इस दिशा में अग्नि तत्व होने से, कोई भी पौदा इस दिशा में नहीं लगाना चाहिए , जबकि घर के सदस्यों में क्रोध को कम करने के लिए इस दिशा में सफेद रंग का इस्तेमाल करना चाहिए , और यदि घर के सदस्यों में आलस्य रहता हो , इसे दूर करने के लिए लाल या संतरी रंग , रोशनी / बल्ब का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
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