Chandrma Se Shubhta Prapti Ke Upay

Chandrma Se Shubhta Prapti Ke Upay

नवग्रहों में अशुभ चंद्रमा के लक्षण और शुभता प्राप्ति के उपाये

Ashubh Chandrma Ke Lakshan
 
चन्द्रमा मातृ सुख का कारक तो है ही, साथ ही चन्द्रमा इस बात से भी सम्बन्ध रखता है कि हम दूसरो की मदद करके उनको सुख दे सकते हैं या नहीं | शुभ चन्द्रमा जातक को खुद में भी मातृ भाव देता है कि वो किसी दूसरे को दुख में देख कर हर तरह से उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है, चाहे किसी भूखे को भोजन कराना हो, चाहे आस पास किसी अन्य जीव की मदद करनी हो, किसी भूखे दिख रहे कुत्ते या गाय को भी खाना देना हो, यह भाव भी चन्द्रमा से आता है | जबकि चंद्रमा के अशुभ प्रभाव माता या जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्या, ग्रहस्थ जीवन में सुख की कमी, संतान की तरफ से परेशानी, चाहे घर हो या दफ्तर हमेशा आसपास के माहौल से दुखी रहना, गले, हृदय और छाती से जुड़े रोग, घर परिवार में अन्न जल और धन की बर्बादी होना, यात्रा में परेशानी, वाहन सुख की कमी इस तरह के लक्षण जीवन में होना चन्द्रमा के अशुभ प्रभाव को दर्शाते हैं ।

Chandrma Se Shubhta Prapti Ke Upay

  • क्युकि चन्द्रमा मातृ भूमि का कारक है, और साथ ही मातृत्व का भी, तो जन्म स्थान पर जल और भोजन का दान ज़रूर करें ।
  • खुद में मातृत्व भाव पैदा करना पडेगा, दूसरो की मदद करनी चाहिए,  किसी भी रूप में ज़रूरतमन्द लोगो की मदद करें ।
  • विशेष कर अमावस्या तिथि के दिन व्रत और दान करें ।
  • माता और माता समान स्त्रीयो की सेवा करें ।
  •  शिव जी और माता पारवती जी की पूजा उपासना करे ।
  • अगर चन्द्र राहु युति है या चन्द्रमा 6th में है या 4th में राहु है तो घर की दहलीज़ पर किसी गड्डे में चान्दी दबा दें ।
  • अगर चन्द्र केतु युति है या चन्द्र 12th में है या 4th में केतु है तो दूध सोमवार के दिन जल प्रवाह करें या मंदिर में दें ।
  • अगर चन्द्र शनि युति है या चन्द्रमा 10th में है या 4th में शनि है तो पानी के पिआयु की व्यवसथा करे ।
  •  चन्द्रमा की युति राहु / केतु / शनि से होने पर वर्ष में एक बार रुद्राभिशेक करवाये ।
  • चन्द्रमा अश्टमेश हो कर या अश्टम भाव में हो कर बुरे फ़ल दे रहा हो तो किसी वीरान जगह पर कांच की बोतल में दूध भर कर दबा दे, इस से ग्रहस्थ जीवन में परेशानी खत्म होगी ।
  • धर्मस्थान में सोमवार के दिन या पूर्णिमा तिथि के दिन मिठी फुलियाँ अरपित करे ।
  •  घर के पूजा स्थान में पारद के शिवलिंग स्थापित करे, और नियमित जल अभिषेक करे ।
  •  गोमती चक्र या फ़िर चान्दी का चोकोर टुकडा गले में चान्दी की चेन में धारण करें ।
  • माता को चान्दी के बरतन में खाना खिलाये । और खुद भी जल का सेवन चान्दी के गिलास में करे ।
  • माता या बड़ी बहन से चांदी का कोई भी उपहार प्राप्त कर उसको जीवन भर अपने साथ रखें । और कष्ट के समय माता और बड़ी बहन की हर संभव मदद करें, जिस से उनका आशीर्वाद आप पर बना रहे और चंद्रमा की शुभता जीवन में बनी रहे । 

You can also read this :

Vastu Anusar Uttar Disha Ka Mahatav



Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

Post a Comment

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

Previous Post Next Post