Dusre Bhav Me Guru Ke Fal Aur Upay

Dusre Bhav Me Guru Ke Fal Aur Upay 

जन्म कुण्डली के द्वितीय भाव में बृहस्पति के फल और उपाये


जन्म कुण्डली का यह स्थान बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित होता है । बृहस्पति इस स्थान का कारक ग्रह होने की वजह से यहाँ शुभ फल देता है, ऐसे जातक के घर परिवार में पिता या बड़ा भाई अच्छे सलाहकार होते हैं । ऐसे जातक को शिक्षा प्राप्ति, आय के साधन, विवाह और संतान प्राप्ति में कोई बाधा नहीं आती । लेकिन शुक्र का साथ इस भाव में विराजमान बृहस्पति को नहीं मिलता, यानी कि ऐसे जातक की पत्नी घर की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने में कोई सहयोग नहीं करती, ऐसे जातक के लिए IT sector में सफलता के योग नहीं होते, बल्कि द्वितीय भाव बृहस्पति वाले जातक को HR, finance, advising , teaching में भाग्य आजमाना चाहिए । ऐसे जातक की तरक्की के लिहाज से जीवन के 16 और 25वा वर्ष विशेष शुभकारी होते हैं । अब बात करते हैं यदि द्वितीय भाव में विराजमान बृहस्पति अशुभ प्रभाव में हो, तो ऐसे जातक को परिवार के अन्य पुरुष सदस्यों का सहयोग जीवन में नहीं मिलता, जीवन में आर्थिक निवेश से जुड़े गलत फैसलों की वजह से आर्थिक नुकसान होते हैं, ऐसे जातक के दोस्त, रिश्तेदार उसकी जमापूंजी, धन संपदा पर आंख लगाए रहते हैं, ऐसा जातक दूसरों की सलाह लेकर कोई भी कार्य करे तो उस में नुकसान उठाता है, जमापूंजी, आय किसी ना किसी रूप में खर्च होती रहती है, ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्ति के समय विषयों के चुनाव को लेकर सावधानी रखनी चाहिए, नहीं तो शिक्षा प्राप्ति में व्यर्थ के धन खर्च होते हैं, द्वितीय भाव में बृहस्पति खराब हो तो ऐसे जातक कहनी और करनी में अलग अलग होते हैं, बातों से ऊंचे ख्यालात वाले होने का दिखावा करेंगे लेकिन कार्यो को लेकर बार बार असफल होते हैं और ज़िम्मेदार दूसरों को ठहराते हैं । खास कर यदि द्वितीय भाव में विराजमान ब्रहस्पति पर शनि , राहु का प्रभाव हो तो ऐसे जातक खुद की आर्थिक स्थिति की झूठी प्रशंसा करते हैं, बिना वजह ही खुद को आर्थिक रूप से दूसरों से बेहतर होने का दिखावा करते हैं । अब बात करते हैं यदि द्वितीय भाव में बृहस्पति शुभ प्रभाव में हो, तो ऐसे जातक अच्छी वाणी से दूसरों को सुख देते हैं, पिता या बड़े भाई के साथ इनके अच्छे रिश्ते होते हैं , आय के कई साधन इनके पास होते हैं, यदि सप्तम भाव पर कोई दुष्प्रभाव ना हो तो विवाह भी 25 वर्ष के आसपास होने के योग होते हैं, ऐसे जातक हमेशा कुछ ना कुछ सीखते रहने को शौकीन होते हैं, पढ़ाई लिखाई में अच्छी रुचि की वजह से यह upsc जैसे exam भी clear कर पाते हैं, हालांकि ऐसी उपलब्धि के लिए जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति भी शुभकारी होनी चाहिए, ऐसा जातक यदि घर परिवार में सब से छोटा भी हो तब भी बड़ों की तरह घर की ज़िम्मेदारी उठाने के योग्य होता है, खास कर ऐसे जातक अच्छे निवेशक होते हैं, चाहे शेयर बाजार हो चाहे real estate हो बहुत ही समझदारी से निवेश करते हुए तरक्की करते हैं, आय प्राप्ति के लिए दूर स्थान की यात्रा के अवसर भी इन्हें मिलते हैं, कालेज शिक्षा या किताबी ज्ञान की बजाए यह प्रैक्टिकल ज्ञान लेना ज़्यादा पसंद करते हैं, उसी से तरक्की भी करते हैं । खास कर 16 और 25वे वर्ष में इनकी अच्छी तरक्की के योग होते हैं ।

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द्वितीय भाव में विराजमान बृहस्पति से शुभता प्राप्ति के उपाये 

* गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें ।

* अपने साथ साबुत हल्दी पीले वस्त्र में रखें ।

* गुरुवार के दिन पीले वस्त्र का दान ब्राह्मण को करें ।

* घर के ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाएं ।

* गुरुवार के दिन गुड़ और चने की दाल का दान करें ।


Deep Ramgarhia

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