Sukhad Grehasth Jiwan Ke Liye Vastu Upay
दोस्तों हमारी आज की इस पोस्ट में चर्चा का विषय है कि कोनसे सरल वास्तु उपायों के माध्यम से आप ग्रहस्थ जीवन को सुखमय बना सकते हो । दोस्तों वास्तु उपायों में सब से पहले दंपत्ति के बेडरूम की बात करें तो घर में बैडरूम दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ वास्तु अनुकूल होता है, क्योंकि इसको नैत्य कोण कहा जाता है , जहाँ घर के मुख्य सदस्य को रहना चाहिए । और इसके बाद बेडरूम में bed की सही दिशा अग्नि कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा है क्योंकि यहां शुक्र का प्रभाव होता है जो कि प्रेम तथा रोमांस का कारक ग्रह है । bed पर एक ही गद्दे का होना चाहिए , और पति पत्नी को एक ही सिरहाने का इस्तेमाल करना चाहिए । और पत्नी को पति की left यानी दाहिने तरफ शयन करना चाहिए ।
Bedroom को एक अच्छी look देने के लिए उत्तर की तरफ आप छोटे छोटे 2 गमले भी रख सकते हो , या फिर सुंदर चित्र इस दिशा में आप लगा सकते हो , जिस से शयन करते समय वह चित्र आपके सामने हों । इस बात का भी ध्यान रखें कि सोते समय सर दक्षिण दिशा की तरफ और पैर उत्तर दिशा की तरफ हों । यह सरल से उपाये ग्रहस्थ जीवन को, आपसी प्रेम संबंधों को सुख प्रदान करते हैं ।
विशेष कर अगर जन्म कुंडली में शुक्र कमज़ोर हो या अशुभ प्रभाव में हो या फिर शुक्र अस्त हो तो bedroom को सजा कर रखें , बिस्तर पर कभी भी सिलवटें नहीं होनी चाहिए । शुक्रवार के दिन कुछ फूल खरीद कर bedroom में रखें । बैडरूम में भूलकर भी शीशा ना रखें, वास्तु के अनुसार यह गलतफहमियों और झगड़ों को बढ़ाता है, अगर है भी तो रात को इसे कपड़े से ढककर रखना चाहिए ।
बैडरूम में इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि तकिए, कुशन और कलाकृतियों हों तो वो जोड़े में हों । कुछ लोग डबल बेड पर डबल बेडशीट बिछा देते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार डबल बेड पर सिर्फ सिंगल बेडशीट ही बिछानी चाहिए, इससे पति-पत्नी में सामंजस्य बढ़ता है और उनके रिश्तों में सकारात्मकता आती है । इस बात का ध्यान रखें की बैडरूम में किसी तरह की धूल-मिट्टी ना हो, अगर बैडरूम में धूल मिट्टी होगी तो आपका रिलेशनशिप भी मंद और थकावट भरा होगा, इसलिए कोशिश करें कि बैडरूम में चीजे साफ चमकती हुई और तरोताजा हों ।
बेड के अंदर बर्तन, किताबें, टूटा सामान, खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान, दवाइयां इत्यादि न रखें । रोज सुबह पूजा के बाद पत्नी की मांग में सिंदूर पति को लगाना चाहिए, इस उपाय से दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है । बेडरूम में शयन करते समय किसी भी परिस्थिति में दक्षिण दिशा में पैर नहीं होने चाहिए। इसी प्रकार बेडरूम के मुख्य प्रवेश द्वार की और सिर या पैर करके शयन करना भी दोषपूर्ण माना गया है। पूर्व दिशा में पैर करके शयन करने से सुख समृद्धि तथा पश्चिम दिशा में पैर करके शयन करने से धार्मिक व आध्यात्मिक भावनाओं में वृद्धि होती है।
बेडरूम में दर्पण लगी ड्रेसिंग टेबल सिर के सामने नहीं होनी चाहिए । अगर जगह की कमी हो तो शयन करने से पूर्व दर्पण को किसी वस्त्र या चादर से ढक देना चाहिए। बेडरूम में कभी भी झाडू, अँगीठी, तेल का भरा हुआ टिन, कढाही,चिमटा, जल से भरा बड़ा बर्तन, मछली घर, सामान रखने का टोकरा, नशीले पदार्थ, सफ़ेद या पीले रंग के संगमरमर से बनी कोई मूर्ति या वस्तु, पीपल, नीम या गूलर, गूलर के पत्ते या टहनी आदि अन्य अनुपयोगी सामान नहीं रखना चाहिए ।
बेडरूम में दीवार पर स्वस्थ, सुन्दर और हँसते हुए बच्चे का चित्र, राधा-कृष्ण का सयुंक्त चित्र, खिले हुए गुलाब के जोड़े का चित्र लगाया जाना शुभ होता है। परन्तु सर्प, गिद्ध, उल्लू, बाज, कबूतर, कौआ, बगुला, चीता और युद्ध व राक्षसों के चित्र अथवा मूर्ति नहीं लगानी चाहिए । बेडरूम में रात्रि के समय जलाने के लिए लगाया जाने वाला बल्व सदैव उत्तर-पूर्व दिशा यानि ईशान कोण में ही लगाना चाहिए।
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शयन करते समय बेडरूम में पूर्ण अन्धकार रखना दोष पूर्ण होता है। बेडरूम की बाहरी दीवारों पर टूट-फूट या दरार नहीं होनी चाहिये। इसके इलावा शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, क्योंकि घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान कहा जाता है | यह बहुत सारी ऊर्जा को आकर्षित करता है जो कि आराम और नींद के लिए या फिर शयन कक्ष के लिए यह स्थान उपयुक्त नहीं है |