Ghar Pariwaar Ki Sukh Prapti Ke Vastu Upay
दोस्तों हमारी आज की इस पोस्ट में चर्चा का विषय है घर परिवार में सुख तथा खुशहाली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु उपाये । दोस्तों हर कोई घर परिवार में आर्थिक सुख तथा आपसी रिश्तों का प्रेम चाहता है , इन्ही से जुड़े कुछ उपाये के बारे में चर्चा शुरू करते हैं ।
दोस्तों घर की आर्थिक खुशहाली के लिए जो सब से पहला उपाये है वह जुड़ा है फिश एक्वेरियम से, अतः अपने घर के लिए एक एक्वेरियम खरीदें किंतु यह सुनिश्चित कर लें कि उनमें जीवंत, सुंदर, स्वस्थ मछलियां हों क्योंकि उनका निरंतर गतिमान रहना धन को भी गतिमान रखता है। साथ ही उसके पानी को भी साफ रखें ।
दूसरा वास्तु उपाये जुड़ा है घर की खिड़कियों से, खिड़कियों में क्रिस्टल लगाने से ऊर्जा उत्तेजित होती है। जब सूर्य का प्रकाश उनपर पड़ता है तो ये सुंदर इंद्रधनुष का निर्माण करते हैं जिससे घर में समृद्धि आती है ।
इसके इलावा वास्तु उपाये के तौर पर आप घर की तिजोरी में शीशा भी लगाएं , इस से संचालित होने वाली सकारात्मक ऊर्जा धन आगमन के अवसरों को बढ़ाती है । इस के इलावा घर की छत पर पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था भी करें , क्योंकि पक्षी अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं ।
आपके ड्राईंग रूम का मुख हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। यहां का फर्नीचर दक्षिण एवं पश्चिम दीवार से लगा होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आप उत्तर एवं पूर्व की ओर मुख करके बैठेंगे जो कि स्वास्थ्य तथा मन के लिए काफी अच्छा है ।
घर में किचन हमेशा दक्षिण पूर्व कोने में होना चाहिए। यह कभी भी पूजा रूम, बेडरूम अथवा टाॅयलेट के ऊपर अथवा नीचे नहीं होना चाहिए। यह टाॅयलेट के सामने अथवा अगल-बगल भी नहीं होना चाहिए। पूजा रूम का मुख पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। स्टडी रूम उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। घर का बाथरूम पूर्वमुखी होना चाहिए ।
संतान प्राप्ति में सहायक वास्तु उपायों की चर्चा करें तो जो दम्पत्ति बच्चे की योजना बना रहे हैं उन्हें उत्तर-पश्चिम में स्थित कमरे का चयन गर्भ ठहरने तक करना चाहिए। गर्भ ठहरने के उपरांत इन्हें उत्तर-पूर्व में स्थित कमरे में आ जाना चाहिए।
गर्भवती महिला का कमरा कभी भी दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। यह साबित हो चुका है कि गर्मी गर्भावस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। वैसी कोई भी चीज जो गर्भवती महिला के शरीर का तापक्रम बढ़ा दे वह बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित होता है । अतः यह आवश्यक है कि ऐसी अवधि में ये इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों जैसे टेलीविजन, माइक्रोवेव आदि अन्य इलेक्ट्रो मैग्नेटिक ऊर्जा उत्पन्न करने वाली वस्तुओं से दूर रहें। कम से कम पहले तीन महीने तक गर्भवती महिला को घर के दक्षिण-पूर्व हिस्से में रहने से बचना चाहिए।
सूर्य की अत्यधिक ऊष्मा भी गर्भावस्था को प्रभावित करती है। अध्ययन में यह पाया गया है कि सूर्य की ऊष्मा पृथ्वी पर पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ती है। अतः गर्भवती महिलाओं को पूर्व की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इन्हें अपना सिर दक्षिण दिशा की ओर करके सोना चाहिए।
आसमानी रंग का गुण शीतल होता है अतः रात में एक ऐसा बल्ब लगाकर सोना चाहिए जिससे नीला प्रकाश उत्पन्न होता हो। यदि घर में बोरिंग गलत दिशा में बनी हो तो एक पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर इस प्रकार लगाएं कि ऐसा प्रतीत हो कि वे बोरिंग के दक्षिण-पश्चिम की ओर देख रहे हैं।
घर परिवार में सुख शांति के लिए वास्तु के अनुसार ऐसी तस्वीरें जिसमें युद्ध के दृश्य हों, रोती हुई औरतें , ऐसी तस्वीरें जिसमें क्रोध का भाव हो तथा गिद्ध एवं उल्लू की तस्वीरें लगाना अशुभ माना जाता है। ऐसी तस्वीरों को तुरंत हटा दें ।
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घर के वातावरण को ऊर्जावान बनाने के लिए वास्तु के अनुसार पौधे लगाने से सदस्यों का जीवन स्तर बेहतर होता है । वास्तु अनुसार घर की उत्तर तथा पूर्व दिशा में पेड़ पौदे लगाना शुभकारी होता है, जबकि नैत्य तथा अग्नि कोण या दक्षिण दिशा में पेड़ पौदे लगाने से बचना चाहिए ।
इस के इलावा घर में सुख तथा खुशहाली के लिए ईशान कोण को वास्तु अनुसार ज़रूर बनाना चाहिए , इस से घर के बुजुर्ग भी स्वस्थ रहते हैं और संतान सुख भी बेहतर होता है ।