Vastu Anusar Ghadi Calander Aur Darpan
दोस्तों हमारी आज की इस पोस्ट में चर्चा का विषय है दर्पण, घड़ी तथा कैलेंडर से जुड़े शुभ अशुभ विचार । क्योंकि यह तीनों ही ऐसी चीज़ें हैं जो हर घर में होती हैं, और इनका वास्तु अनुकूल होना घर के सदस्यों के भाग्य की वृद्धि करता है, जबकि इनका विपरीत दिशा में होना सदस्यों को मानसिक रूप से परेशानी देता है ।
सब से पहले बात करते हैं दर्पण के बारे में वास्तु अनुसार इनकी सही दिशा उत्तर या पूर्व है , क्योंकि दर्पण में आप खुद को देखते हैं इस नाते सही दिशा में लगा हुआ दर्पण आपको सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव देता है, जबकि गलत दिशा जैसे कि दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगा हुआ दर्पण आपको बीमार तथा आपकी सामाजिक छवि को भी खराब करता है ।
ज्योतिष अनुसार पूर्व तथा उत्तर यह दोनो ही सकारात्मक दिशाएं हैं इस नाते घर में आईना पूर्व या उत्तर में ही होना चाहिए । दक्षिण दिशा में लगा दर्पण आपको बीमारी दे सकता है । दक्षिण पूर्व में लगा दर्पण आपको वैचारिक मतभेद, संबंधों में अलगाव और आपके गुस्से को बढ़ा सकता है । पश्चिम की दिशा में लगा दर्पण आपको चुस्त व आराम पसंद बना देगा। उत्तर पश्चिम में लगा दर्पण आपकी अपनों से दुश्मनी बढ़ा सकता है। मुकदमेंबाजी करवा सकता है । दक्षिण पश्चिम में लगा दर्पण घर के मुखिया को घर से बाहर रहने व अनावश्यक और आकस्मिक खर्चों का कारण बन सकता है ।
दर्पण को कभी भी अंधेरे कमरे में न लगाएं। धुंधले एवं दूषित दर्पण जीवन की खुशियों को धुंधला बना देते हैं। अतः अच्छे दर्पणों का ही प्रयोग करना चाहिए । दर्पण टूटा भाग्य फूटा यह कहावत है। इस नाते टूटे दर्पण को तुरंत हटाकर नए दर्पण का प्रयोग करें ।
रात को सोते समय पलंग अगर दर्पण में दिखाई दे तो गृह स्वामी के वैवाहिक जीवन के लिए अति घातक हो सकता है। पलंग पर सोने वाले लोगों के बीच अनबन व मतभेद उत्पन्न करके जीवन में कड़वाहट भर देते हैं । रात को सोते समय दर्पण में शरीर का कोई अंग नहीं दिखना चाहिए। जिससे आप ब्लड-प्रेशर, हाईपरटेंशन इत्यादि कई बीमारियों से बच सकते हैं। रात को सोते समय दर्पण को मोटे कपड़े से ढ़क देना चाहिए ।
डायनिंग रूम में दर्पण लगाना अच्छा रहता है । बैठक और गलियारे में भी बड़ा अष्टकोणीय आकार का दर्पण रखना अच्छा होता है। क्योंकि अष्टकोणीय दर्पण आठ दिशाओं का प्रतीक है। दर्पण अगर गलत दिशा में लगा हो तो उसको वहां से हटाना ही सर्वोत्तम उपाय है।
दर्पण समझदारी से लगाकर हम सौर ऊर्जा को वापस लाकर वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं । इसके इलावा दर्पण का फ्रेम हल्के रंग का तथा गोलाई लिए किनारों वाला शुभकारी होता है । घर में किसी तरह के उत्तर या पूर्व दिशा में वास्तु दोष को दूर करने के लिए आप आईने का उपयोग वहां कर सकते हो ।
अब बात करते हैं कैलेंडर तथा घड़ियों की , वास्तु अनुसार इनको घर की पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए । और पुराने कैलेंडर घर में नहीं रखने चाहिए । इसके इलावा दीवार घड़ी को भी घर की पूर्व या उत्तर की दीवार पर ही लगाना शुभकारी होता है । बहुत पुरानी और खराब घड़ियों को भी घर में नहीं रखना चाहिए , इन से भी घर के सदस्यों पर राहु का दुष्प्रभाव पड़ता है , जिस से घर के सदस्यों की तरक्की में रुकावट तथा आपसी रिश्ते खराब होते हैं ।
कभी भी दरवाजे के ऊपर घड़ी ना लगाएं ऐसा करना तनाव को बढ़ा सकता है। इससे घर से बाहर आते जाते समय कई तरह की नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव घडी पर आ सकता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । पेंडुलम वाली घड़ी लगाना शुभकारी होता है । पेंडुलम वाली घड़ियों के लिए मान्यता है कि यह इंसान के जीवन के बुरे समय को दूर करने वाली होती है और तरक्की के नए अवसर लाती है।
इस के इलावा घर में बंद घड़ी रखने से घर में पॉजिटिव एनर्जी कम होने लगती है और नेगेटिविटी बढ़ने लगती है। घर में बंद पड़ी फ़ालतू घड़ियां व अन्य बेकार सामान को घर से तुरंत हटा देना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि घड़ी पर धूल न जमें ।
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घड़ी का समय हमेशा सही रखें । सही समय से आगे या पीछे चलने वाली घड़ियों को भी अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी घड़ियां मनुष्य के लिए उसकी हार या नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए घड़ी को हमेशा सही समय पर सेट करके रखना चाहिए । वास्तु अनुसार गोल घड़ी लगाना शुभ माना जाता है। इससे घर में शांति और प्यार बना रहता है ।