Janam Kundali me Shubh Ashubh aur Kamzor Budh ।। जन्म कुंडली में शुभ अशुभ और कमज़ोर बुध - Astro Deep Ramgarhia
ज्योतिष शास्त्र अनुसार मानव जीवन पर बुध का प्रभाव और शुभ अशुभ लक्षण
ज्योतिष शास्त्र अनुसार बुध स्थाईत्व का ग्रह है जिसकी प्रकृति पृथ्वी तत्व है। बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है और जन्म कुंडली के दसम भाव का कारक ग्रह है। कन्या राशि में ही बुध उच्च बल को प्राप्त होता है जबकि मीन राशि में बुध नीच राशि का होने से अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है। जबकि मेष, कर्कऔर वृश्चिक शत्रु राशियां हैं इस नाते इन राशियों में भी बुध कमज़ोर होने की वजह से शुभ फल देने में असमर्थ होता है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार बुध बहन, बुआ, बुद्धि, वाणी, तर्क क्षमता, शिक्षा, गणित, लेखन कार्य, कमीशन एजेंट, कारोबार में लाभ और मित्रता का कारक है।
मजबूत और शुभ बुध के लक्ष्ण
यदि जन्म कुंडली में बुध मजबूत या शुभ फल दे रहा हो तो जातक की उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग, गणित में अच्छा, वाणी मधुर, व्यापार में लाभ पाने वाला, गली मुहल्ले की हर छोटी बड़ी खबर रखने वाला, चुटकले और हास्यप्रद बातें करके दुसरो का मनोरंजन करने वाला, मित्रता और सांझेदारी में आर्थिक लाभ, सरकारी नौकरी प्राप्ति और सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्ति का योग बनता है।
कमजोर और अशुभ बुध के लक्ष्ण
यदि जन्म कुंडली में बुध कमज़ोर या अशुभ फल दे रहा हो तो जातक की शिक्षा प्राप्ति में बाधा, विशेष कर गणित विषय समझने में बाधा, परीक्षा हाल में जाकर पढ़ा हुआ भूल जाना, मित्रता में धोखा, कारोबार में लगातार नुकसान, वाणी संबंधी समस्या यानि बोलने में झिझक जिसकी वजह से नौकरी प्राप्ति के इंटरव्यू की सफलता में बाधा, सरकारी कार्य की सफलता और सरकारी योजनाओं से लाभ पाने में बाधा आती है।
स्वास्थ्य : यदि जन्म कुंडली में बुध अशुभ फल दे रहा हो तो जातक की सुनने और सूंघने की क्षमता पर अस्त पड़ता है यानि कान और नाक संबंधी रोग, कमज़ोर मेमरी, तनाव, खांसी जुकाम, श्वास रोग, चमड़ी, नाख़ून, दांतों और बालों संबंधी समस्या आती है।
बुध से संबंधित करियर पेशा व्यवसाय
यदि जन्म कुंडली में बुध शुभ होकर कर्म या लाभ भाव से योग करे तो गणित और अर्थ संबंधित जैसे बैंक, बीमा, आयकर विभाग, अकाउंट, शेयर बाज़ार, ज्योतिष, हस्तरेखा, वास्तु, अंक ज्योतिष, रत्नों के व्यापार और कर्म कांड विषय, लेखन और संचार संबंधित जैसे समाचार प्रसारण, अख़बार, डाक घर, कूरियर सेवाएँ, कंप्यूटर संबंधी कार्य, बोलने और लिखने से संबंधित जैसे वकील, अध्यापक, मोटिवेशनल स्पीकर, ब्लॉग लिखना, यूट्यूब चैनल बनाना, किसी भी तरह के दुकानदारी जैसे करियाना, स्टेशनरी, फल और सब्जियों की विक्री के कार्य, सजावट की चीजों की विक्री के कार्य, किसी भी विषय वस्तु में सलाह देने के कार्य, त्वचा और साँस संबंधी रोग उपचार के विषय, मनोरंजन के विषय जैसे इंडोर गेम्स, नाच गाना, ड्राइंग विषय, वेबसाइट बनाने के कार्य लाभ देते हैं।
बुध से बनने वाले शुभ अशुभ योग
बुध से बनने वाले शुभ योग की बात करें तो जन्म कुंडली में केंद्र के भाव में बुध अपनी या उच्च राशि में होने से भद्र नामक महापुरुष योग, सूर्य बुध युति से बुधादित्य योग, बुध शुक्र युति से लक्ष्मी नारायण योग बनता है। जबकि अशुभ योग की बात करें तो जन्म कुंडली में बुध मंगल से छठे और आठवे भाव में होने से षडाष्टक योग और बुध राहू युति से जड़त्व योग बनता है।
यदि जन्म कुंडली में बुध 1, 2, 3, 4, 5, 9, 10 या 11वे भाव में हो, अन्य भाव में यदि बुध मिथुन या कन्या राशि का हो तो भी शुभ फल होते हैं।
यदि जन्म कुंडली में बुध शुभ हो तो जातक की आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहती है। जातक के लिए 22, 34 और 46वा वर्ष भाग्यशाली होता है।
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