Purab Disha Vastu Shastra Vastu Tips for Home ।। पूर्व दिशा वास्तु शास्त्र वास्तु टिप्स फॉर होम - Astro Deep Ramgarhia
वास्तु शास्त्र अनुसार घर की पूर्व दिशा की अनुकूलता के लिए अपनाएं यह वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र अनुसार घर की पूर्व दिशा सूर्य से संबंधित है। और ज्योतिष शास्त्र अनुसार सूर्य पिता, बोस, अधिकारी वर्ग के लोग, सरकार, यश, आत्मा, अहंकार, आँखे, हड्डीयों और उर्जा का कारक है। इसी लिए पूर्व दिशा में दोष होने पर इन सब कारक विषय में जातक को सुख की कमी के अनुभव होते हैं जैसे कि घर में पिता पुत्र आपसी संबंधों में तनाव, जातक को उसके नौकरी कारोबार में तनाव के हालात बनते हैं।
पूर्व दिशा सूर्य से संबंधित होने से ज्ञान की दिशा है क्योंकि इसी दिशा से प्रकाश का उदय होता है। इस लिए सभी तरह के अध्ययन, चिंतन, व अन्य शुभ कार्य करते समय मुख इस दिशा की और रहना चाहिए। इस दिशा की और मुख करके भोजन करने से आरोग्य और सम्मान की प्राप्ति होती है।
घर की पूर्व दिशा जन्म कुंडली के लगन भाव को प्रभावित करती है। इस लिए लगन भाव से मिलने वाले सभी तरह के फल का संबंध इस दिशा से है। जन्म कुंडली के लगन भाव मे अशुभ ग्रह ( शनि, राहु, केतु ) से आत्म विश्वास और सम्मान में कमी आती है। लेकिन यदि घर की पूर्व दिशा को वास्तु अनुकूल कर दिया जाए तो लगन भाव मे विराजमान इन अशुभ और पापी ग्रहो का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।
ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 16 वर्ष से अधिक है, खास कर जो उच्च पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए मेहनत करते हैं, उनके रहने का रूम घर की इस दिशा में बनाया जा सकता है। क्योंकि सूर्य के प्रभाव से उनके आत्म विश्वास में वृद्धि होगी और वो भविष्य की बेहतर तैयारी कर पाएंगे। क्योंकि आज के समय मे कम्प्यूटर, लैपटॉप का इस्तेमाल भी पढ़ाई के लिए होने लगा है, इस लिए इनको भी रूम की पूर्व दिशा में रखा जा सकता है।
अगर जन्म कुंडली के अष्टम भाव मे पाप ग्रह विराजमान होकर अशुभता दे रहे हो, तो टॉयलेट की पूर्व दीवार पर ऊपर की तरफ छोटा सा रोशनदान रखे, या फिर दरवाज़े के ऊपर की तरफ शीशा लगाए। इस वास्तु उपाय से अष्टम भाव में विराजमान अशुभ ग्रहों की अशुभता को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अगर कोई आपसे संबंधित वस्तु की हानि कर रहा हो, जैसे कि कोई आपकी प्रापर्टी पर नाजायज़ कब्जा करना चाह रहा हो, किसी से ज़मीन छुड़वानी हो तो उस जमीन के कागज़ात कमरे की पूर्व दिशा में कुछ दिनों के लिए रख़े। विवाद खत्म हो जाने पर फिर से उनको वापिस उनकी जगह पर रख दें।
घर की पूर्व दिशा का प्रभाव पिता और घर के बड़े बेटे पर पड़ता है, यदि घर की पूर्व दिशा की खिड़की हमेशा बंद रहे, सफाई ना हो या फिर टूटी हुई खिड़की हो तो इस से पिता पुत्र के आपसी संबंध खराब होते है।
यदि घर की पूर्व दिशा में सूर्य की रौशनी आने का कोई साधन ( खिड़की या रोशनदान ) ना हो, इस से घर के सदस्यों के सम्मान की हानि होती है, घर के पुरुषो को तरक्की में बाधा आती है।
जबकि टुटा हुआ सामान पूर्व दिशा में पड़ा होने से घर के सदस्यों को उनके कार्यो में रुकावट आती है।
यदि घर के पूर्वी हिस्से में कबाड़ रखा होगा, सफाई ना हो, धुल मिटटी हो, इस से घर के सदस्यों में एकता नहीं होती, सदस्यों में आपसी मनमुटाव बना रहता है, घर के बड़े बेटे को करियर, कामकाज में समस्या आती है।
यदि घर के सामने कोई खम्बा है, गैराज है, गोदाम या बहुमंजिली इमारत है,या कोई बड़ा पेड़ है जिसकी छाव घर पर पडती है, इसका भी बुरा प्रभाव घर पर पड़ता है। इस से मित्र, रिश्तेदार धोखा देते है, पड़ोसी परेशान करते है, बेवजह के खर्च घर में होते है।
वास्तु शास्त्र अनुसार घर की पूर्व दिशा में हाल, ड्राइंग रूम, स्कुल, कालेज की शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चो का कमरा यहाँ वास्तु अनुकूल होता है।
घरेलू सुख कामकाज में शुभता और तरक्की के लिए पूर्व दिशा को साफ़, हल्का और खुला रखना चाहिए, यहाँ छोटे कद के फूलों वाले पौदे लगाये जा सकते हैं।
इस दिशा के लिए अनुकूल रंग संतरी , नारंगी , क्रीम , गोलडन हैं , जबकि ऐसे पौदे जो औषधि गुणों के हैं जैसे कि नीम, आंवला, निम्बू, तेजपत्ता व अन्य सुंदर फूलों वाले पौदे इस दिशा में लगाये जा सकते हैं।
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