जन्म कुंडली में सूर्य चंद्रमा और घर की पूर्व उत्तर दिशा का वास्तु प्रभाव - दीप रामगढ़िया
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जन्म कुंडली में सूर्य, घर की पूर्व दिशा और वास्तु शास्त्र
- घर की पूर्व दिशा का प्रभाव पिता और घर के बड़े बेटे पर पड़ता है, यदि घर की पूर्व दिशा की खिड़की हमेशा बंद रहे, सफाई ना हो या फिर टूटी हुई खिड़की हो तो इस से पिता पुत्र के आपसी संबंध खराब होते है, घर की स्त्री को पेट संबंधी समस्या होने से संतान प्राप्ति में बाधा आती है |
- यदि घर में पूर्व दिशा में सूर्य की रौशनी आने का कोई साधन ( खिड़की या रोशनदान ) ना हो, इस से घर के सदस्यों के सम्मान की हानि होती है, घर के पुरुषो को तरक्की में बाधा आती है| जबकि टुटा हुआ सामान पूर्व दिशा में पड़ा होने से घर के सदस्यों को उनके कार्यो में रुकावट आती है |
- यदि घर के पूर्वी हिस्से में कबाड़ रखा होगा, सफाई ना हो, धुल मिटटी हो, इस से घर के सदस्यों में एकता नहीं होती, सदस्यों में आपसी मनमुटाव बना रहता है, खास कर पिता पुत्र में अनबन होती है | घर के बड़े बेटे को करियर, कामकाज में समस्या आती है |
- यदि घर के सामने कोई खम्बा है, गैराज है, गोदाम या बहुमंजिली इमारत है,या कोई बड़ा पेड़ है जिसकी छाव घर पर पडती है, इसका भी बुरा प्रभाव घर पर पड़ता है | इस से मित्र, रिश्तेदार धोखा देते है, पड़ोसी परेशान करते है, बेवजह के खर्च घर में होते है |
- वास्तु अनुसार घर की पूर्व दिशा में रसोई घर या फिर परिवार के एक साथ बैठने का स्थान शुभकारी होता है |
- घर के मुख्य द्वार के बाईं तरफ अगर खिड़की हो तो उसका प्रभाव घर की मुख्य महिला और बड़ी बेटी पर पड़ता है । खिड़की दिखने में सुंदर हो, तो घर की महिला और बड़ी बेटी घर परिवार को संभालने वाली, समाज में सम्मान पाने वाली होती है।
- जबकि इसके विपरीत अगर खिड़की की स्थिति अच्छी ना हो, खिड़की टूटी हुई हो या फिर खिड़की के नीचे जल का कोई स्रोत हो या फिर खिड़की के सामने कोई खड़ा पथ्थर हो, तो इसका नकारात्मक प्रभाव घर की मुख्य महिला और बड़ी बेटी पर आता है। घर की महिलाओं को उस घर में उचित सम्मान नहीं मिलता, खास कर पति पत्नी में झगड़े होते हैं।
- अगर घर का मुख्य द्वार वायव्य कोण में हो तो ऐसे घर के मुखिया को जीवन में काफी यात्राएं करनी पड़ती हैं। घर का मुखिया अन्य महिलाओं के साथ प्रेम संबंध में हो सकता है। वह झूठ से, छल से भी धन कमाता है।
- अगर वायव्य कोण में बेडरूम हो तो इस से घर के खर्च ज़्यादा बने रहते हैं, उस घर में सास बहू में झगड़े होते हैं, घर के मुखिया का भाई घर से दूर जाकर बसता है।
- अगर वायव्य कोण में डाइनिंग हाल हो ऐसे घर की महिलाओं को आंखों की समस्या, हड्डियों की कमज़ोरी होती है । घर के सदस्यों को उनके कामकाज में सही निर्णय लेने में बाधा आती है, सदस्यों में आपसी मतभेद होते हैं।
- अगर वायव्य कोण में फालतू सामान, धूल मिट्टी, कबाड़ रखा हो तो घर के मुखिया का मन परेशान होता है, पड़ोसी, मित्र, रिश्तेदार धोखा देते हैं, अगर खुद का कामकाज हो वहां पैसा अटकता है।
- वास्तु अनुसार वायव्य कोण में अनाज का भंडार करना, या फिर पूजा घर शुभकारी होता है।
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यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया घर की पूर्व दिशा का वास्तु महत्व, घर परिवार पर वास्तु प्रभाव, घर की उत्तर पश्चिम दिशा का वास्तु प्रभाव | आप इस जानकारी के माध्यम से समझ गये होंगे पूर्व और उत्तर दिशा का घर परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है!
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Nice post
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