Job or business related to mercury

Job or Business related to Writing, Speaking or Communication - Astrologer Deep Ramgarhia

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लेखन, यातायात, गणित विषय से जुड़े कार्य

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बुध ग्रह से जुड़े नौकरी, करोबार के योग और इस कार्य में सफलता के योग पर चर्चा करेंगे। बुध ग्रह से जुड़े नौकरी, कारोबार जैसे कि Accounts, Teaching, Writing, News paper, Blogging, Tour & travel, Counseling, Marketing, Mobile or communication dept, Education dept, Stock market, Astrology, Tarot reader, Printing books & stationary shop, Lottery shop, Any type of retail shop, Any type of commission based work यह सभी कार्य बुध से जुड़े होते हैं | तो आइए जानते हैं कि जन्म कुंडली में कोनसे योग होने पर इन कार्यो में नौकरी, कारोबार सही रहते हैं

यदि आपकी लग्न मिथुन या कन्या है, या फिर जन्म कुंडली में चंद्रमा मिथुन या कन्या राशि में है 
यदि जन्म कुंडली में दसम या एकादश भाव में मिथुन या कन्या राशि है  
यदि जन्म कुंडली में मिथुन और कन्या राशि में 3 या ज़्यादा ग्रह हैं 
यदि जन्म कुंडली में अश्लेषा, जेष्ठा, रेवती यानी बुध के नक्षत्र में 3 या ज़्यादा ग्रह हैं  
यदि जन्म कुंडली में दसम या एकादश भाव का स्वामी ग्रह की स्थिति बुध की राशि या नक्षत्र में है 
यदि जन्म कुंडली में 3rd या 6th भाव के स्वामी ग्रह की स्थिति बुध की राशि या नक्षत्र में है  
यदि जन्म कुंडली में बुध आत्म कारक या आमात्य कारक ग्रह है
 
यह तो हम ने आपको बताया ऐसे ग्रह योग होने पर बुध ग्रह से जुड़े नौकरी, कारोबार के योग होते हैं। लेकिन प्रतिष्ठा और धन आपको मिलेगा या नहीं इस के लिए जन्म कुंडली में इन भाव और स्वामी ग्रहों का शुभ होना ज़रूरी होता है। जैसे कि

यदि जन्म कुंडली में बुध केंद्र या त्रिकोण का स्वामी है तो बुध को केंद्र या त्रिकोण में ही होना चाहिए, क्योंकि अगर बुध की स्थिति 3, 6, 8, 12 भाव में होगी फिर बुध अशुभ और कमज़ोर होगा और आर्थिक समस्या देगा। 
 
इसी तरह यदि जन्म कुंडली में बुध 3, 6, 8, 12 भाव का स्वामी है तो बुध को केंद्र या त्रिकोण में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन भाव के स्वामी पापी और अशुभ होते हैं, और केंद्र या त्रिकोण में होकर अशुभता देते हैं। 

इसी तरह यदि जन्म कुंडली में गुरु केंद्र या त्रिकोण का स्वामी है तो गुरु को केंद्र या त्रिकोण में ही होना चाहिए, क्योंकि अगर गुरु की स्थिति 3, 6, 8, 12 भाव में होगी फिर गुरु अशुभ और कमज़ोर होगा और आर्थिक समस्या देगा।
 
इसी तरह यदि जन्म कुंडली में गुरु 3, 6, 8, 12 भाव का स्वामी है तो गुरु को केंद्र या त्रिकोण में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन भाव के स्वामी पापी और अशुभ होते हैं, और केंद्र या त्रिकोण में होकर अशुभता देते हैं।
 
इस के इलावा अगर जन्म कुंडली में बुध या गुरु पर अशुभ ग्रह जैसे कि मंगल, शनि, राहु या केतु का प्रभाव हो तो नौकरी, कारोबार में समस्या आती है, धन का अभाव होता है। ऐसी स्थिति में अशुभ ग्रहों के दान और बुध, गुरु की शुभता के लिए मंत्र जप, पूजा पाठ करने चाहिए।

यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया कि ज्योतिष अनुसार बुध ग्रह से जुड़े व्यापार, कारोबार कोनसे होते हैं, जन्म कुंडली में कोनसे योग आपको बुध ग्रह से जुड़े नौकरी, कारोबार में सफलता देते हैं |

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Deep Ramgarhia

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