Shukra grah ke upay - Deep Ramgarhia
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब के बारे में पूरी जानकारी देंगे | लेकिन उपाए से पहले आपको शुक्र ग्रह के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी होनी चाहिए, जैसे कि शुभ शुक्र के लक्ष्ण, शुक्र ग्रह से होने वाले रोग | इस नाते पूरी और सटीक जानकारी के लिए इस पोस्ट को आखिर तक पूरा पढ़ें | और फिर यदि आपका कोई पोस्ट से जुड़ा सवाल या सुझाव हो, तब भी कमेंट करके हमें जरुर बताएं, क्युकि आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं |
ज्योतिष आधार पर चर्चा करें तो shukra grah को नैसर्गिक शुभ ग्रह कहा जाता है जो कि काम इच्छा तथा वासना का कारक है, शुक्र ग्रह का स्वभाव और प्रकृति कफ प्रधान है | ज्योतिष अनुसार shukra grah वृषभ और तुला राशि का स्वामी है, चतुर्थ भाव यानि वाहन सुख का कारक होता है, जबकि जैमिनी ज्योतिष अनुसार shukra grah का अध्ययन दारा कारक ग्रह के रूप में किया जाता है । shukra grah मीन राशि में उच्च का होकर शुभ फल जबकि कन्या राशि में नीच बल का होने से शुभ फल देने में असमर्थ होता है | इनके इलावा मेष, सिंह, वृश्चिक और मकर राशि में भी shukra grah अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है |
शुक्र मजबूत होने के फायदे , शुभ शुक्र के लक्षण
अब आपको बताते हैं ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत होने के फायदे , दोस्तों अच्छा और शुभ शुक्र व्यक्ति को सुंदर वस्त्र, चेहरे पर आकर्षण, अच्छे अच्छे भोजन पदार्थ, गहने, सुंदर घर, गाड़ी और जीवनसाथी का सुख देता है | एक अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिष सूत्र अनुसार शुभ शुक्र के लक्षण के रूप में जातक को उम्र के 19, 31 और 43 वर्ष की आयु में अचल सम्पति की प्राप्ति या बड़े आर्थिक लाभ होते हैं |
Shukra kamjor hone ke lakshan , नीच शुक्र के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र में कमज़ोर शुक ग्रह के लक्षण कुछ इस तरह बताये गये हैं कि ऐसे जातक को स्त्री सुख की कमी, शादी होने में बाधा, घरेलू जीवन में बार बार पत्नी की नाराज़गी, संतान प्राप्ति में देरी होना, कमाया हुआ धन बीमारी पर खर्च होना, जीवन में रत्न और आभूषण के सुख का अभाव होना , वस्त्रों का जल्दी खराब होना इस तरह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं |
शुक्र ग्रह से होने वाले रोग
जबकि शुक्र ग्रह से होने वाले रोग की बात करे तो मूत्र अंगो से जुड़े रोग, वीर्य की कमी के रोग, या ऐसे सभी तरह के रोग जिनके लिए कई तरह के टेस्ट करवाने पड़े, रोग जल्दी से समझ ना आये और फिर रोग मुक्ति के लिए दवाई का सेवन भी लम्बे समय तक करना पड़े, अगर यह सब रोग परेशान करे तो भी शुक्र खराब होने के लक्षण समझने चाहिए |
शुक्र ग्रह का प्रतीक पत्थर
शुक्र ग्रह को मजबूत करने का रत्न सुझाव की बात करें तो ज्योतिष शास्त्र में हीरा एक कारगर रत्न माना जाता है, जिसे अंग्रेजी में "Diamond" कहा जाता है. यह रत्न शुक्र ग्रह के प्रतीक माना जाता है और मान्यताओं के अनुसार इसे धारण करने से शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है और व्यक्ति को आनंद, सुंदरता, धन, समृद्धि और प्रेम के गुण प्राप्त हो सकते हैं।
यहां दिए गए हैं शुक्र ग्रह के लिए प्रयोग किए जाने वाले कुछ उप रत्न:
ओपल (Opal): यह रत्न भी शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ सकती है।
शुक्रराज मणि (White Sapphire): इसे धारण करने से भी शुक्र ग्रह की प्रभावशाली शक्ति बढ़ती है।
जीरकोन (Zircon): यह भी शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक रत्न है।
ध्यान दें कि रत्नों का चयन करने से पहले, आपको किसी प्राकृतिक रत्न विशेषज्ञ या ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए जो आपकी जन्म कुंडली और ग्रहों के स्थिति के आधार पर आपको सही रत्न की सिफारिश कर सकेंगे।
शुक्र ग्रह के देवता कौन है , शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है
शास्त्रों में भगवान विष्णु के अवतार परशुरामजी को और दैत्य गुरु शुक्राचार्य को शुक्र ग्रह से संबंधित देवता माना गया है | इसके इलावा देवराज इंद्र को भोतिक सुखों का राजा होने के नाते, इंद्र देव को भी शुक्र ग्रह का देवता माना जाता है | इसी लिए वास्तु शास्त्र अनुसार भी देवराज इंद्र का एरावत हाथी यानि चांदी से बने हाथी को धन दौलत , भोतिक सुख की प्राप्ति के लिए घर में रखना शुभ माना गया है | एक अन्य कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव का अभिमान तोड़ने के लिए अपनी चीची पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था, जिस से गाँव वालों की भारी बारिश से रक्षा हुई थी | उस दिन के बाद से इंद्र देव की बजाये भगवान श्री कृष्ण की पूजा लोग करने लगे | इस नाते शुक्रवार के दिन श्री कृष्ण जी की पूजा करने से , खास कर गाय को रोटी खिलाने से शुक्र के शुभ फल मिलते हैं |
Shukra mantra , Shukra mantra in hindi
ज्योतिष अनुसार शुक्र बीज मंत्र " ऊँ शुं शुक्राय नमः "
शुक्र ग्रह को मजबूत करने का मंत्र तांत्रिक " ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: "
शुक्र को मजबूत करने का मंत्र पौराणिक
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
शुक्र गायत्री मंत्र
“ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्” ।।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब
दोस्तों यदि आप जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की अशुभ स्थिती से परेशान हैं, और आप shukra grah ko kaise majboot kare यह जानना चाहते हैं, तो यहाँ बताये गये सभी उपाए आपके बहुत काम आने वाले हैं | यह सभी उपाए बहुत ही लाभ देने वाले हैं | आप इन में से कोई भी 3 उपाए नियम से 3 महीने तक करें |
सब से पहले तो जिनको शुक्र की कमज़ोरी के रोग परेशान करते हैं, जैसे कि दुबले पतले हैं, वीर्य की कमी है, शरीर में उर्जा की कमी है और चेहरे पर चमक का आभाव है | उनको खाने में शुद्ध देसी घी का सेवन करना चाहिए | गर्म दूध में 2 चम्मच देसी घी मिला कर सेवन करें, सर्दियों में देसी घी में बनी पंजीरी का सेवन करें | इस तरह 3 महीने तक घी का सेवन करने से आपके शुक्र ग्रह से जुड़े रोग दूर होंगे |
शुक्र की अशुभता की वजह से जिन लोगों का मन बहुत परेशान रहता है, मन इधर उधर के फालतू विचारों की तरफ भटकता है, और किसी भी कार्य को करने से पहले मन में नकारात्मक विचार आते हैं, उनको उपाए के तौर पर गले में सफ़टिक की माला धारण करनी चाहिए |
शुक्र की अशुभता की वजह से अगर रात के समय मन में बुरे विचार आते हो, नींद में बाधा आती हो, तो रोज़ रात को सोने से पहले पैरो को अच्छी तरह से धोकर साफ़ करके, सोना चाहिए |
शुक्र की कमज़ोर स्थिती की वजह से जीवन में आर्थिक सुख का आभाव हो, तो माता लक्ष्मी जी की पूजा रोज़ रात को करनी चाहिए, और लक्ष्मी प्रतीमा के आगे घी का दीया जलाना चाहिए |
यदि जन्म कुंडली में शुक्र योगकारक ग्रह है, तो शुक्र की मजबूती के लिए , शुक्र के शुभ फल के लिए शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दहीं अर्पित करना चाहिए |
यदि जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिती 6, 8, 12 भाव में हो या फिर शुक्र की युति शनि, राहू या केतु से हो तो शुक्रवार के दिन शरीर पर दही लगा कर सनान करना चाहिए |
चैत्र और भाद्रपद महीने में बीमार गायों की सेवा करने से , किसी गोशाला में गेहूँ, गुड, चारे का दान करने से भी शुक्र की अशुभता दूर होती है |
शुक्र से शुभता प्राप्ति के लिए रोज़ सनान करके हमेशा साफ़ और धुले हुये वस्त्र धारण करने चाहिए
इसके इलावा ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शुक्र की मजबूती के लिए बुध के उपाए भी साथ करने चाहिए, जैसे कि कन्या पूजन जरुर करना चाहिए |
अगर शुक्र अपनी दशा में बहुत खराब फल दे रहा हो तो शुभता के लिए 43 दिन वाला उपाए करना चाहिए | शुभता प्राप्ति के लिए नीला फूल गंदे नाले में लगातार 43 दिनों तक फेकना चाहिए | इस से अशुभता में कमी आती है |
ज्योतिष अनुसार अगर जातक माहिलाओ का अपमान करता है तो जन्म कुंडली में बैठा शुभ शुक्र भी अपने शुभ फल नहीं देता, इस नाते शुक्र की शुभता के लिए हमेशा महिलओं का सम्मान करना चाहिए
वास्तु शास्त्र अनुसार शुक्र बेडरूम का कारक है, इस नाते बेडरूम की सफाई का ख्याल रखना चाहिए | बेड पर कोई भी सामान खास कर जूठे बरतन नहीं रखने चाहिए, और ना ही बिसतर पर बैठ कर खाना खाएं, बिस्तर के नीचे जूते चप्पल ना रखें ।
यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया कमज़ोर शुक ग्रह के लक्षण और shukra grah ko majboot karne ke upay, हम उमीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी | यदि आपका कोई पोस्ट से जुड़ा सवाल या सुझाव हो, तब भी कमेंट करके हमें जरुर बताएं, क्युकि आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं |
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब के बारे में पूरी जानकारी देंगे | लेकिन उपाए से पहले आपको शुक्र ग्रह के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी होनी चाहिए, जैसे कि शुभ शुक्र के लक्ष्ण, शुक्र ग्रह से होने वाले रोग | इस नाते पूरी और सटीक जानकारी के लिए इस पोस्ट को आखिर तक पूरा पढ़ें | और फिर यदि आपका कोई पोस्ट से जुड़ा सवाल या सुझाव हो, तब भी कमेंट करके हमें जरुर बताएं, क्युकि आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं |
ज्योतिष आधार पर चर्चा करें तो shukra grah को नैसर्गिक शुभ ग्रह कहा जाता है जो कि काम इच्छा तथा वासना का कारक है, शुक्र ग्रह का स्वभाव और प्रकृति कफ प्रधान है | ज्योतिष अनुसार shukra grah वृषभ और तुला राशि का स्वामी है, चतुर्थ भाव यानि वाहन सुख का कारक होता है, जबकि जैमिनी ज्योतिष अनुसार shukra grah का अध्ययन दारा कारक ग्रह के रूप में किया जाता है । shukra grah मीन राशि में उच्च का होकर शुभ फल जबकि कन्या राशि में नीच बल का होने से शुभ फल देने में असमर्थ होता है | इनके इलावा मेष, सिंह, वृश्चिक और मकर राशि में भी shukra grah अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है |
शुक्र मजबूत होने के फायदे , शुभ शुक्र के लक्षण
अब आपको बताते हैं ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत होने के फायदे , दोस्तों अच्छा और शुभ शुक्र व्यक्ति को सुंदर वस्त्र, चेहरे पर आकर्षण, अच्छे अच्छे भोजन पदार्थ, गहने, सुंदर घर, गाड़ी और जीवनसाथी का सुख देता है | एक अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिष सूत्र अनुसार शुभ शुक्र के लक्षण के रूप में जातक को उम्र के 19, 31 और 43 वर्ष की आयु में अचल सम्पति की प्राप्ति या बड़े आर्थिक लाभ होते हैं |
Shukra kamjor hone ke lakshan , नीच शुक्र के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र में कमज़ोर शुक ग्रह के लक्षण कुछ इस तरह बताये गये हैं कि ऐसे जातक को स्त्री सुख की कमी, शादी होने में बाधा, घरेलू जीवन में बार बार पत्नी की नाराज़गी, संतान प्राप्ति में देरी होना, कमाया हुआ धन बीमारी पर खर्च होना, जीवन में रत्न और आभूषण के सुख का अभाव होना , वस्त्रों का जल्दी खराब होना इस तरह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं |
शुक्र ग्रह से होने वाले रोग
जबकि शुक्र ग्रह से होने वाले रोग की बात करे तो मूत्र अंगो से जुड़े रोग, वीर्य की कमी के रोग, या ऐसे सभी तरह के रोग जिनके लिए कई तरह के टेस्ट करवाने पड़े, रोग जल्दी से समझ ना आये और फिर रोग मुक्ति के लिए दवाई का सेवन भी लम्बे समय तक करना पड़े, अगर यह सब रोग परेशान करे तो भी शुक्र खराब होने के लक्षण समझने चाहिए |
शुक्र ग्रह का प्रतीक पत्थर
शुक्र ग्रह को मजबूत करने का रत्न सुझाव की बात करें तो ज्योतिष शास्त्र में हीरा एक कारगर रत्न माना जाता है, जिसे अंग्रेजी में "Diamond" कहा जाता है. यह रत्न शुक्र ग्रह के प्रतीक माना जाता है और मान्यताओं के अनुसार इसे धारण करने से शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है और व्यक्ति को आनंद, सुंदरता, धन, समृद्धि और प्रेम के गुण प्राप्त हो सकते हैं।
यहां दिए गए हैं शुक्र ग्रह के लिए प्रयोग किए जाने वाले कुछ उप रत्न:
ओपल (Opal): यह रत्न भी शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ सकती है।
शुक्रराज मणि (White Sapphire): इसे धारण करने से भी शुक्र ग्रह की प्रभावशाली शक्ति बढ़ती है।
जीरकोन (Zircon): यह भी शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक रत्न है।
ध्यान दें कि रत्नों का चयन करने से पहले, आपको किसी प्राकृतिक रत्न विशेषज्ञ या ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए जो आपकी जन्म कुंडली और ग्रहों के स्थिति के आधार पर आपको सही रत्न की सिफारिश कर सकेंगे।
शुक्र ग्रह के देवता कौन है , शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है
शास्त्रों में भगवान विष्णु के अवतार परशुरामजी को और दैत्य गुरु शुक्राचार्य को शुक्र ग्रह से संबंधित देवता माना गया है | इसके इलावा देवराज इंद्र को भोतिक सुखों का राजा होने के नाते, इंद्र देव को भी शुक्र ग्रह का देवता माना जाता है | इसी लिए वास्तु शास्त्र अनुसार भी देवराज इंद्र का एरावत हाथी यानि चांदी से बने हाथी को धन दौलत , भोतिक सुख की प्राप्ति के लिए घर में रखना शुभ माना गया है | एक अन्य कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव का अभिमान तोड़ने के लिए अपनी चीची पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था, जिस से गाँव वालों की भारी बारिश से रक्षा हुई थी | उस दिन के बाद से इंद्र देव की बजाये भगवान श्री कृष्ण की पूजा लोग करने लगे | इस नाते शुक्रवार के दिन श्री कृष्ण जी की पूजा करने से , खास कर गाय को रोटी खिलाने से शुक्र के शुभ फल मिलते हैं |
Shukra mantra , Shukra mantra in hindi
ज्योतिष अनुसार शुक्र बीज मंत्र " ऊँ शुं शुक्राय नमः "
शुक्र ग्रह को मजबूत करने का मंत्र तांत्रिक " ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: "
शुक्र को मजबूत करने का मंत्र पौराणिक
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
शुक्र गायत्री मंत्र
“ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्” ।।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब
दोस्तों यदि आप जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की अशुभ स्थिती से परेशान हैं, और आप shukra grah ko kaise majboot kare यह जानना चाहते हैं, तो यहाँ बताये गये सभी उपाए आपके बहुत काम आने वाले हैं | यह सभी उपाए बहुत ही लाभ देने वाले हैं | आप इन में से कोई भी 3 उपाए नियम से 3 महीने तक करें |
सब से पहले तो जिनको शुक्र की कमज़ोरी के रोग परेशान करते हैं, जैसे कि दुबले पतले हैं, वीर्य की कमी है, शरीर में उर्जा की कमी है और चेहरे पर चमक का आभाव है | उनको खाने में शुद्ध देसी घी का सेवन करना चाहिए | गर्म दूध में 2 चम्मच देसी घी मिला कर सेवन करें, सर्दियों में देसी घी में बनी पंजीरी का सेवन करें | इस तरह 3 महीने तक घी का सेवन करने से आपके शुक्र ग्रह से जुड़े रोग दूर होंगे |
शुक्र की अशुभता की वजह से जिन लोगों का मन बहुत परेशान रहता है, मन इधर उधर के फालतू विचारों की तरफ भटकता है, और किसी भी कार्य को करने से पहले मन में नकारात्मक विचार आते हैं, उनको उपाए के तौर पर गले में सफ़टिक की माला धारण करनी चाहिए |
शुक्र की अशुभता की वजह से अगर रात के समय मन में बुरे विचार आते हो, नींद में बाधा आती हो, तो रोज़ रात को सोने से पहले पैरो को अच्छी तरह से धोकर साफ़ करके, सोना चाहिए |
शुक्र की कमज़ोर स्थिती की वजह से जीवन में आर्थिक सुख का आभाव हो, तो माता लक्ष्मी जी की पूजा रोज़ रात को करनी चाहिए, और लक्ष्मी प्रतीमा के आगे घी का दीया जलाना चाहिए |
यदि जन्म कुंडली में शुक्र योगकारक ग्रह है, तो शुक्र की मजबूती के लिए , शुक्र के शुभ फल के लिए शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दहीं अर्पित करना चाहिए |
यदि जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिती 6, 8, 12 भाव में हो या फिर शुक्र की युति शनि, राहू या केतु से हो तो शुक्रवार के दिन शरीर पर दही लगा कर सनान करना चाहिए |
चैत्र और भाद्रपद महीने में बीमार गायों की सेवा करने से , किसी गोशाला में गेहूँ, गुड, चारे का दान करने से भी शुक्र की अशुभता दूर होती है |
शुक्र से शुभता प्राप्ति के लिए रोज़ सनान करके हमेशा साफ़ और धुले हुये वस्त्र धारण करने चाहिए
इसके इलावा ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शुक्र की मजबूती के लिए बुध के उपाए भी साथ करने चाहिए, जैसे कि कन्या पूजन जरुर करना चाहिए |
अगर शुक्र अपनी दशा में बहुत खराब फल दे रहा हो तो शुभता के लिए 43 दिन वाला उपाए करना चाहिए | शुभता प्राप्ति के लिए नीला फूल गंदे नाले में लगातार 43 दिनों तक फेकना चाहिए | इस से अशुभता में कमी आती है |
ज्योतिष अनुसार अगर जातक माहिलाओ का अपमान करता है तो जन्म कुंडली में बैठा शुभ शुक्र भी अपने शुभ फल नहीं देता, इस नाते शुक्र की शुभता के लिए हमेशा महिलओं का सम्मान करना चाहिए
वास्तु शास्त्र अनुसार शुक्र बेडरूम का कारक है, इस नाते बेडरूम की सफाई का ख्याल रखना चाहिए | बेड पर कोई भी सामान खास कर जूठे बरतन नहीं रखने चाहिए, और ना ही बिसतर पर बैठ कर खाना खाएं, बिस्तर के नीचे जूते चप्पल ना रखें ।
यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया कमज़ोर शुक ग्रह के लक्षण और shukra grah ko majboot karne ke upay, हम उमीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी | यदि आपका कोई पोस्ट से जुड़ा सवाल या सुझाव हो, तब भी कमेंट करके हमें जरुर बताएं, क्युकि आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं |
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