Lesson 40 - Kundli Me Maarkesh Greh
जब भी मारक ग्रहो के प्रभाव की बात की जाती है, तो सामान्यता जातक के मन मे यह नाम सुन कर ही भय उत्पन्न हो जाता है कि मारक का मतलब मार देने वाले या मृत्यु तुल्य गम्भीर कष्ट देने वाले , जिस से बचने के लिए जातक तरह तरह के उपाये करने लगते हैं , बिना उनके फल का विचार किये , जिस से जीवन मे समस्या और भी बढ़ जाती है । तो आज इस विषय पर ही चर्चा करते हैं कि कोन से ग्रह मारक होते हैं , उनके प्रभाव और उपचार
मारक ग्रहो की पहचान : कुण्डली में 12 भाव होते हैं जो जीवन के अलग अलग चरणों से संबंध रखते होते हैं , जिन में से कुछ भाव और उनके स्वामी ग्रह जीवन को शुभता देते हैं, तो कुछ भाव और उनके स्वामी ग्रह जीवन मे अशुभता भी देते हैं । लेकिन इन दोनो फल से बिलकुल ही अलग प्रभाव देने वाले होते हैं मारक भाव और उनके स्वामी ग्रह , यह प्रभाव उन भावो में विराजमान होने वाले ग्रहो पर भी लागू होंगे । लेकिन कुछ खास स्थिति में संबंधित भाव , उनके स्वामी ग्रह और उस भाव मे विराजमान होने वाले ग्रहो को मारक दोष नहीं लगता । सामान्यता कुण्डली के 2, 3, 7 भाव को मारक भाव , इनके स्वामी ग्रह और इन भावो में विराजमान होने वाले ग्रहो को मारकेश कहा जाता है । लेकिन मारक भाव और मारकेश ग्रह वो तभी होंगे, जब वो लग्नेश के शत्रु ग्रह हो । लग्नेश के मित्र ग्रह जैसे कि कन्या लग्न की कुण्डली में दूसरे भाव मे तुला राशि रहेगी , जो कि लग्नेश बुध के मित्र ग्रह की राशि है , ऐसी स्थिति में दूसरे भाव और इसके स्वामी ग्रह को मारक दोष नहीं लगेगा । लेकिन मंगल शत्रु ग्रह होकर 3rd भाव का स्वामी होगा जो कि मारक भाव है, इस लिए 3rd भाव को मारक भाव और स्वामी ग्रह मंगल को मारकेश कहा जायेगा । यदि इन भावों मे राहु केतु भी विराजमान हो तो यह भी मारकेश ग्रह की तरह फल देंगे । सभी लग्नों में मारक भाव और मारकेश ग्रह :
मेष लग्न में शुक्र , वृषभ लग्न में मंगल , मिथुन लग्न में गुरु , कर्क लग्न में शनि , सिंह लग्न में शनि , कन्या लग्न में मंगल , तुला लग्न में मंगल , वृश्चिक लग्न में शुक्र , धनु लग्न में शनि , मकर लग्न में गुरु , कुम्भ लग्न में गुरु , मीन लग्न में शुक्र ग्रह मारकेश होंगे ।
मारकेश ग्रहो के प्रभाव : मारकेश ग्रह अपनी दशा अंतरदशा में प्रभाव कैसे देगा या किस तरह का कष्ट देगा यह उस ग्रह के नैसर्गिक स्वभाव पर निर्भर करता है । जैसे कि गुरु ग्रह सामाजिक सम्मान का कारक है लेकिन मारकेश होने पर यह किसी दंड के द्वारा सम्मान का मारण करता है , सूर्य राजनीतिक सत्ता का कारक है लेकिन मारकेश होने पर राजकीय दण्ड देकर सम्मान का मारण करता है , बुध अपनी दशा में बुद्धि का नाश करके धन का मारण करते हुए आर्थिक रूप से मारता है , शुक्र मारकेश होकर अपनी दशा में लक्ष्मी विहीन करके सुख समृद्धि को मारता है , चन्द्रमा मारकेश होकर दशा में ज़मीन, भूमि , वाहन, मन से कमज़ोर करके भय से मारता है , लेकिन यह सभी ग्रह पूर्ण मृत्यु नहीं देते , पूर्ण मृत्यु सिर्फ मंगल, शनि, राहु, केतु ही मारकेश होकर देते हैं , जैसे कि दुर्घटना, रोग , कारावास, कानून तथा राज्य से भय , शत्रु से भय , शत्रु आघात , संतान , जीवनसाथी या अन्य करीबी की मृत्यु आदि कष्ट , कर्ज़ , धन की चोरी , अग्नि से भय यही 4 ग्रह देते हैं ।
मारकेश ग्रहो के उपाये : उपाये के तौर पर संबंधित ग्रह का पूजन करके क्षमा याचना , ग्रह के इष्ट देवता का पूजन करते हुए संबंधित ग्रह की शांति करवाना जो कि शास्त्रीय विधि से हज़ारों लाखो बार ग्रह का मंत्र जाप करने के बाद ग्रह से सम्बंधित चीज़ों को जल प्रवाह या दान किया जाता है जो कि हरिद्वार, प्रयाग, गया, उज्जैन जैसे तीर्थ स्थलों पर जाकर किये जाते हैं । इनके इलावा महामृत्युंजय जप , सुंदरकांड का पाठ , रुद्राभिषेक , नारायण मन्त्र का जाप भी मारकेश ग्रहो के अशुभ प्रभावों को दूर करते हैं