Lesson 39 - Janam Kundli Se Jaane Arthik Sthiti
आर्थिक तौर पर खुशहाल रहना , अर्थ मतलब धन , कि जीवन मे ज़रूरत की सभी चीज़े आप प्राप्त कर पाएं जिस के लिए धन की ज़रूरत रहती है जिस में खुद का घर , वाहन, रत्न, सोना, चांदी व जीवन की अन्य भौतिक चीज़ो के सुख प्राप्त करें , और खुद की खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर ना होना पड़े । बहुत ज़्यादा उच्च स्तर का जीवन होना तो अलग बात है, लेकिन इस पोस्ट में बात करेंगे कि व्यक्ति सिर्फ अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी निभा पाए, और बच्चों को अच्छा भविष्य दे पाए , इतना आर्थिक रूप से मज़बूत होने के योग , और अगर परेशानी है तो उनके लिए उपाये भी :
आर्थिक खुशहाली के योग : ज्योतिष अनुसार कुण्डली में 2nd और 11th भाव धन से संबंधित होते हैं , यह दोनो भाव जितने ज्यादा शुभ होंगे उतना ही ज़्यादा मात्रा में धन आगमन के योग जातक के पास होते हैं , क्योंकि 2nd भाव बैंक से संबंधित है और 11th भाव जातक की खुद की income और लाभ से । इस के इलावा कुण्डली का 4th भाव भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि 4th भाव वॉलेट ( बटुआ ) है , और चन्द्रमा इस भाव का कारक ग्रह भी है । अगर किसी की कुण्डली में 4th भाव पीड़ित हो तो उस के बटुये में हमेशा फ़टे पुराने नोट रहते हैं , और उसको हमेशा ही धन की कमी रहेगी , चाहे 2nd भाव कितना ही अच्छा हो , घर परिवार की धन दौलत कितनी ही हो , लेकिन यदि 4th भाव पीड़ित हो गया तो ऐसे जातक को ज़रूरत के समय 10rs भी पिता से पूछ कर ही लेने पड़ते हैं । मुख्य तौर पर कुण्डली के त्रिकोण भावो ( 1, 5, 9 ) का 2nd और 11th भावो या इनके स्वामी ग्रहो से संबंधित होना जातक के लिए आर्थिक खुशहाली के योग देता है ।
आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के योग : कुण्डली के 2nd भाव पर पापी ग्रहों का प्रभाव स्थिति और दृष्टि दोनो से हो तो पारिवारिक धन संपदा में कमी होती है , बैंक बैलेंस सदा ही लो रहता है । यदि कुण्डली के 11th भाव पर पापी ग्रहों का प्रभाव स्थिति और दृष्टि दोनो से बने तो जातक की व्यक्तिगत income हमेशा लो रहती है, पैसा कहीं ना कहीं फसा ही रहता है । इस के इलावा यदि 2nd भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , या फिर 4th भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , या फिर 11वे भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , इन सब स्थितियों में धन आगमन में बाधा आती है और ज़रूरतों के लिए दूसरों से धन उधार लेना पड़ता है , इस तरह क़र्ज़ का शिकार हो जाता है ।
आर्थिक खुशहाली के ज्योतिष उपाये : ज्योतिष अनुसार गुरु ग्रह कुण्डली में 2nd और 11th भावो का कारक ग्रह है , और चन्द्रमा 4th भाव का कारक ग्रह है । इस लिए इन दोनों ग्रहो की मज़बूती के लिए उपाये करें , हमेशा बड़ो के पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें , केले के पेड़ पर गुरुवार के दिन हल्दी मिला जल अर्पित करें , सोमवार के दिन दूध का दान धर्म स्थल पर करें । इस तरह चन्द्रमा और गुरु दोनो ही मज़बूत होंगे । जिन भी पापी ग्रहों ( शनि, राहु, केतु ) की स्थिति या दृष्टि संबंध 2, 4, 11वे भाव पर हो , उन ग्रहो से संबंधित चीज़ों का दान गरीब ज़रूरतमंद लोगो मे करना शुरू करें , शनिवार के दिन । कुण्डली के 4th भाव की शुभता के लिए सोमवार के दिन कुछ दूध जल प्रवाह भी करें । यह सब उपाये कम से कम 6 महीने तक करने पर ही आर्थिक मज़बूती के रास्ते बनेगे, घर की आर्थिक स्थिति सुखद होगी ।
Note : यदि कुण्डली में बुध ग्रह की स्थिति सही नहीं है तो उसके लिए भी उपाये करें, बुधवार के दिन पन्ना रत्न धारण करें , बुआ, बहन, मौसी की सेवा करें , दांतो को फिटकरी से साफ करें । अगर क़र्ज़ की समस्या हो और धन के रास्ते ना बन रहे हो तो चतुर्थी तिथि के दिन व्रत करते हुए गणेश जी की पूजा आराधना करना शुरू करें ।