Lesson 35 - Kundli Se Jaane Shatruta Aur Jhagde

Lesson 35 - Kundli Se Jaane Shatruta Aur Jhagde 

ज्योतिष अनुसार कोर्ट कचहरी लाभ हानि संबंधी विचार

 

कहते हैं कि अगर आज के समय में पुलिस आपको ना ढूंढे और आपको कभी वकील के पास ना जाना पड़े तो इसी को ही सुख और आराम की ज़िंदगी कहा जाता है । लेकिन कई बार दुर्भाग्य वश ऐसे ग्रह योग बन जाते हैं कि व्यक्ति कोट कचेहरी तथा कानूनी मामलों में फस जाता है जिस से धन और सम्मान की हानि होती है । यह झगड़े व्यवसायक भी हो सकते हैं और पारिवारिक भी हो सकते हैं , या फिर किसी अन्य शत्रुता या झूठे आरोप की वजह से भी कई बार व्यक्ति को कानूनी मामलों में परेशानी होती है । तो इस पोस्ट में इसी से जुड़ी बातों पर चर्चा का प्रयास करते हैं :

छठा भाव है कोर्ट कचहरी का : ज्योतिष अनुसार जन्म कुण्डली के 12 भावों में से छ्ठे भाव का संबंध कोर्ट कचहरी के झगड़ों से है, इस लिए जो ग्रह छ्ठे भाव में विराजमान हो उस ग्रह के नक्षत्र में जो ग्रह विराजमान हो , और साथ ही मंगल, शनि, राहु का संबंध भी इनसे बने तो ऐसी ग्रह स्थिति उस ग्रह से संबंधित विषयों के मामले में झगड़े देती है , और शनि, मंगल , राहु का संबंध झगड़े को बढ़ाते हुए बात कोर्ट कचहरी तक ले आता है , यही विचार छ्ठे भाव में विराजमान ग्रह के बारे में भी करना चाहिए । #उदाहरण के लिए माने यदि द्वितीय या चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह का नक्षत्र स्वामी छ्ठे भाव में हो , और छ्ठे भाव पर मंगल / शनि / राहु की दृष्टि हो तो पारिवारिक धन संपदा को लेकर झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि बात कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाती है । इसी तरह यदि किसी की जन्म लग्न कुण्डली में सप्तम भाव का स्वामी छ्ठे भाव में हो , और उस पर 2 से ज़्यादा पापी / क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़े तो ऐसे व्यक्ति को जीवनसाथी के माध्यम से परेशानी होती है । जबकि 11वे भाव का स्वामी ग्रह छ्ठे भाव में पाप पीड़ित हो तो सैलरी और धन को लेकर झगड़े होते हैं । 

मंगल शनि राहु हैं महत्वपूर्ण : कारक ग्रहों का विचार करें तो ज्योतिष अनुसार मंगल ग्रह को पुलिस , शनि को कानून तथा राहु को झगड़े का कारक माना जाता है । यदि किसी की जन्म लग्न कुण्डली में मंगल ग्रह 2 से ज़्यादा पापी / क्रूर ग्रहों से पीड़ित हो और छ्ठे भाव से संबंध बनाए तो ऐसे व्यक्ति के झगड़े अक्सर ही होते हैं, कई बार वाहन चलाते समय सड़क पर , तो कभी आस पड़ोस या मित्रों से झगड़ा हो जाता है , विवाह - शादी , पार्टी में झगड़ा हो जाता है, या फिर अक्सर ही ऐसे व्यक्ति का चालान हो जाता है । जबकि शनि को कानून का कारक माना जाता है, कि किसी भी रूप में यातायात नियम तोड़ने की वजह से व्यक्ति का चालान हो जाता है, टैक्स या कोई अन्य सरकारी अदायगी ना देने की वजह से परेशानी होती है , जबकि शनि राहु दोनो का संबंध छ्ठे भाव से बने तो व्यक्ति किसी साजिश का शिकार होता है । क्योंकि शनि ग्रह धीमी गति से चलते हैं इस वजह से यदि शनि ग्रह का संबंध छ्ठे भाव या स्वामी ग्रह से बने तो कोर्ट कचहरी का परिणाम आने में काफी वर्ष का समय लगता है , जबकि राहु का संबंध छ्ठे भाव या स्वामी ग्रह से बने तो व्यक्ति को कोर्ट कचहरी के फैसलों से निराशा होती है । 

बाहरवें तथा अष्टम भाव से बंधन योग : ज्योतिष अनुसार 12वे भाव को जेल विचार तथा अष्टम भाव को बंधन के लिए विचार किया जाता है । अगर किसी की जन्म लग्न कुण्डली के 12वे भाव के स्वामी ग्रह पर पापी ग्रहों का प्रभाव हो , तो 12वे भाव में विराजमान ग्रह या स्वामी ग्रह की अंतरदशा के दौरान कानून से परेशानी , सामाजिक मानहानि के योग होते हैं , अगर अंतरदशा का ग्रह 3rd ( away from home )या 8th ( बंधन ) भाव के साथ संबंध बनाए तो कानून से परेशानी के साथ साथ जेल योग बनते हैं । जबकि ब्रहस्पति जैसे शुभ ग्रह की दृष्टि का संबंध बनने पर कुछ ही दिनों में होने वाली परेशानी से निजात मिल जाती है । उपाये की बात करें तो शनि राहु से संबंधित चीज़ों के दान करने चाहिए । 


Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

Post a Comment

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

Previous Post Next Post