Lagan Bhav Me Surya Ke Fal Aur Upay

 Lagan Bhav Me Surya Ke Fal Aur Upay

लग्न / पहले भाव में विराजमान सूर्य के फल और उपाये

यहाँ विराजमान सूर्य पर सूर्य और मंगल का प्रभाव होता है । कालपुरुष कुण्डली अनुसार यहाँ सूर्य उच्च प्रभाव देता है इस वजह से ऐसे जातक में हर विषय में आत्म निर्भर बने रहने की आदत होती है, धन संपदा और आर्थिक ज़रूरतों के लिए वह परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहना पसंद नहीं करते , समय पर हर कार्य को करना पसंद करते हैं और इसी वजह से यह आलसी मित्रों से या फिर व्यर्थ के मनोरंजन के साधनों से दूर रहते हैं । इनकी यह सोच होती है कि जीवन में इनको माता पिता की छवि में ना रहना पड़े बल्कि यह अपनी खुद से पहचान बनाने की इच्छा रखने वाले होते हैं । हालांकि सूर्य की शुभता के लिए ऐसे सूर्य पर अन्य शत्रु ग्रहों का प्रभाव नहीं होना चाहिए भले ही सप्तम भाव खाली हो लेकिन शत्रु ग्रह यहाँ नहीं होने चाहिए । इस तरह जब जन्म कुण्डली में सूर्य शुभ स्थिति में होता है तो 22वे वर्ष में विवाह योग होते हैं , ऐसे जातक के जीवन में सूर्य के अरसे यानी 21 और 22वे वर्ष में भाग्योदय होता है, और पुत्र संतान के जन्म के आसपास भी तरक्की होती है । सूर्य की शुभता को बनाये रखने के लिए ऐसे जातक को पिता और बड़े भाई का सम्मान करते रहना चाहिए , काले और नीले रंग के वस्त्रों से परहेज़ करना चाहिए , कभी भी दवाइयों से जुड़ा व्यवसाय नहीं करना चाहिए , ससुराल वालों से बिजली के उपकरण नहीं लेने चाहिए , घर में नोकर भी नहीं रखना चाहिए । ऐसे व्यक्ति की जन्म कुण्डली में यदि मंगल पर अशुभ प्रभाव हो विशेष कर यदि मंगल दोष हो या फिर मंगल 5th या 11th भाव में भी हो तो भी ऐसे जातक को संतान प्राप्ति में बाधा आती है , कभी कभी तो जीवनसाथी के सुख भी नहीं मिलते , ऐसी स्थिति में मंगल की शुभता प्राप्ति के उपाये ज़रूर करने चाहिए । और यदि सूर्य पर अशुभ प्रभाव हो तो सूर्य की शुभता के उपाये करने चाहिए । इस तरह लग्न भाव में सूर्य अशुभ हो या जन्म कुण्डली में मंगल किसी भी भाव में होकर अशुभ हो तो ऐसे जातक को आंखों और सर से जुड़े रोग परेशान करते हैं, ऐसे व्यक्ति का पेट हमेशा खराब रहता है, ऐसे विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्ति में बाधा आती है । और यदि ऐसी स्थिति महिला की जन्म कुण्डली में हो तो उसको संतान प्राप्ति में बाधा आती है । ऐसे व्यक्ति के घर के पास यदि बिजली का खम्बा हो, कोई गड्डा हो तो नोकरी / व्यवसाय में तरक्की रुकी रहती है, किसी भी कामकाज में सफलता नहीं मिलती । ऐसा जातक यदि शुक्र की चीजों का इस्तेमाल करे जैसे कि फेशियल करवाये तो प्रेम संबंध खराब होते हैं, जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब होता है , जातक को खुद को भी मूत्र अंगों से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं । लग्न भाव में सूर्य शुभ स्थिति में हो तो मंगल के अरसे में जैसे कि 28 से 32 वर्ष के दरमियान तरक्की होती है, दूसरी संतान के जन्म के आसपास तरक्की होती है, और जब भी घर में कंस्ट्रक्शन के कार्य होते हैं तब भी ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय होता है । ऐसे व्यक्ति को यदि किसी भी तरह की समस्या का अनुभव हो तो चंद्रमा और मंगल के उपायों से मदद ज़रूर लेनी चाहिए , घर में चांदी और तांबा ज़रूर इस्तेमाल करने चाहिए । 

You can also read this :

Budh Greh Se Shubhta Prapti Ke Upay

Jyotish Anusar Mukhya Greh Ka Mahatav

Shukra Greh Se Shubhta Prapti Ke Upay

लग्न / पहले भाव में विराजमान सूर्य से शुभता प्राप्ति के उपाये

* जीवन में कभी भी ससुराल वालों से बिजली के उपकरण ना लें ।

* सूर्य की शुभता प्राप्ति के लिए हर सक्रांति को गुड़ और गेंहू का दान मंदिर या गोशाला में करें ।

* मंगल की शुभता प्राप्ति के लिए घर में शहद और चंद्रमा की शुभता के लिए चांदी घर में रखें ।

* शुभ और मांगलिक कार्यो के समय नमकीन चीजों का दान करें ।

* शराब, मांसाहार, छल, कपट , झूठ और निंदा करने से परहेज रखें । 

Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

Post a Comment

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

Previous Post Next Post