Debiliated or Weak Moon In Forth House Astrology - Deep Ramgarhia
चतुर्थ भाव में विराजमान चंद्रमा हृदय में दुसरो के लिए प्रेम भाव देता है, ऐसे जातक दुसरो को कष्ट में देख कर उनकी मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं | लेकिन यदि ऐसे जातक की जन्म कुंडली में शनि या केतु की स्थिति 3, 4, 5, 7, 10 भाव में हो तो दुसरो की मदद के बदले इनको कष्ट मिलता है | कुल मिला कर चतुर्थ भाव में चंद्रमा के साथ शनि केतु की ऐसी बताई गई स्थिति हो तो जातक के ना चाहते हुए भी प्रेम संबंध बनेगे, और उसके बाद वही रिश्ते दुःख भी देंगे | खास कर किसी महिला की जन्म कुंडली में ऐसी बताई गई स्थिति हो तो वैवाहिक जीवन का सुख नहीं मिलता | क्युकि यह योग ही ऐसा है जो कि जातक को परिवार से अलग ही दुःख और वैराग्य की दुनिया में ले जाता है | सिर्फ एक ऐसी स्थिति है कि जब शनि केतु के साथ गुरु भी चंद्रमा को प्रभावित करे तो ही जातक doctor या astrologer बन सकता है या फिर उच्च सरकारी पद प्राप्त कर सकता है |
Planet Moon in Vedic Astrology | Strong and Good Moon in Astrology
चतुर्थ भाव में विराजमान चंद्रमा वाले जातक को नदी, नहर के पास जाकर सुख का अनुभव होता है, माता और पत्नी की सलाह जीवन में लाभ देती है, और आयु के 24, 28, 36 और 42 वर्ष में विशेष तरक्की और आर्थिक सुख मिलता है | चतुर्थ भाव में विराजमान चंद्रमा पर शनि या केतु का प्रभाव हो तो जातक की माता या पत्नी अपने निजी जीवन में बीमार या आर्थिक सुख से दूर रह सकती है, लेकिन वह कभी भी जातक के लिए बुरा नहीं चाहती | इस लिए ऐसे जातक को जीवन में सुख के लिए कभी भी चंद्रमा की वस्तु दान में स्वीकार नहीं करनी चाहिए, ना ही चंद्रमा से जुड़े कार्यो से धन कमाने चाहिए , क्युकि ऐसा करने से आपको धन चाहे मिल जाएगा लेकिन वह धन सुख नहीं देगा | चतुर्थ भाव में चंद्रमा के आसपास मंगल हो या दसम भाव में मंगल हो तो सरकारी नौकरी का योग होता है | चंद्रमा के आसपास यानि 3, 4, 5 भाव में गुरु हो यह योग पढाई के लिए विदेश यात्रा करवाता है |
Impact of Good and Strong Moon | Impact of Weak and Bad Moon
सामान्यता चतुर्थ भाव में चंद्रमा जातक को जीवन में अच्छे आर्थिक और घरेलू सुख देता है | लेकिन अगर चंद्रमा पर शनि या केतु का प्रभाव होगा तो घर में धन भले ही हो लेकिन उसका सुख जातक को नहीं मिलता | खास कर आयु के 24, 28 और 42 वर्ष में कष्ट होता है | शनि केतु के प्रभाव में चंद्रमा हो तो जातक वहमी और मानसिक रोगी होता है, हर समय उसको ऐसा लगेगा कि उसके किसी शत्रु की वजह से उसके कार्य में बाधा आ रही है | खुद का व्यवसाय या दूकान होगी तो कभी कभी ऐसा लगेगा कि तन्त्र की वजह से कामकाज बंद हो चूका है | किसी सम्पति प्राप्ति में भी जातक को बाधा आती है , यह सब तब होता है जब चंद्रमा पर शनि या केतु का प्रभाव हो | ऐसी स्थिति में निम्न बताये गये उपाए करने चाहिए |
Remedies for Strength Weak Moon | Remedies for Evil or Bad or Debilited Moon
ऐसे जातक को चंद्रमा की शुभता प्राप्ति के लिए वर्ष में 2 बार रुद्राभिषेक करना चाहिए |
घर के जल स्रोत जैसे कि बाथरूम, पानी की टंकी, पानी की मोटर वास्तु अनुकूल होने चाहिए |
ऐसे जातक को ज्यादा समय तक एक जगह बैठना नहीं चाहिए, साथ ही ऐसा नियम भी बनाये कि सुबह शाम ऐसा व्यायाम, दौड़ भाग जरुर करें जिस से शरीर से पसीना बहे |
किसी भी रूप में चांदी धारण करें या चांदी का गोल सिक्का अपने साथ हमेशा रखना चाहिए |
मंगलवार दिन कुते को दूध और शनिवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां बना कर खिलानी चाहिए |
यह तो इस सभी जानकारी में हम ने आपको बताया कि ज्योतिष अनुसार चतुर्थ भाव चंद्रमा का फल, शनि केतु से प्रभावित खराब चंद्रमा का प्रभाव और चंद्रमा की शुभता और मजबूती के उपाए | आप इस जानकारी के माध्यम से समझ गये होंगे कि अशुभ और कमजोर चंद्रमा का क्या प्रभाव पड़ता है!
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