Lesson 5 - Jyotish Me Navgrah
ज्योतिष अनुसार नवग्रह : सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु हैं । जिन में राहु और केतु छाया ग्रह हैं इस लिए इन्हें किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है । सूर्य और चन्द्रमा को एक एक राशि का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि बाकी के 5 ग्रहो को दो - दो राशियों का स्वामित्व प्राप्त है ।
भगवान विष्णु के अवतार : नवग्रहों को भगवान विष्णु के अवतार माना जाता है, सूर्य को राम अवतार, नरसिंह अवतार को मंगल, बुद्ध अवतार को बुध, वामन अवतार को गुरु, परशुराम अवतार शुक्र, कूर्म अवतार शनि, वाराह अवतार राहु और मतस्य अवसर केतु को माना जाता है ।
नैसर्गिक शुभ और अशुभ ग्रह : पूर्णिमा का चन्द्रमा, शुभ ग्रहों के साथ विराजमान बुध, गुरु और शुक्र नैसर्गिक शुभ ग्रह हैं , जबकि सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु , अमावस्या का चंद्रमा और अशुभ ग्रहों के साथ विराजमान बुध नैसर्गिक अशुभ ग्रह हैं ।
नवग्रह और कारकतत्व : सूर्य आत्मा का कारक, चन्द्रमा मन का कारक, मंगल साहस का कारक, बुध वाणी का कारक, गुरु विद्या का कारक, शुक्र काम शक्ति का कारक और शनि दुख का कारक है ।
नवग्रह और कैबनेट : सूर्य राजा, चन्द्रमा रानी, मंगल सेनापति, बुध वित्त मंत्री, गुरु ग्रह मंत्री, शुक्र विदेश मंत्री और शनि सेवक है ।
नवग्रह और अधिपति देवता : सूर्य के सूर्य देव, चन्द्रमा के शिव जी, मंगल के हनुमानजी, बुध के माता दुर्गा, गुरु के लिए विष्णु जी, शुक्र के लिए माता लक्ष्मी जी, शनि के लिए माता महाकाली जी ।
पुरूष और स्त्री तत्व ग्रह : सूर्य, मंगल और गुरु पुरूष तत्व, चन्द्रमा, बुध, शुक्र और शनि स्त्री तत्व ग्रह हैं ।
नवग्रह और पंच तत्व : सूर्य और मंगल अग्नि तत्व, चन्द्रमा और शुक्र जल तत्व, बुध पृथ्वी तत्व, गुरु आकाश तत्व और शनि वायु तत्व ग्रह है ।
नवग्रह और वर्ण : गुरु और शुक्र ब्राह्मण वर्ण, सूर्य और मंगल क्षत्रिय वर्ण, चन्द्रमा और बुध वैश्य वर्ण , शनि शुद्र वर्ण है ।
राजसिक तामसिक सात्विक ग्रह : सूर्य, चन्द्रमा और गुरु सात्विक , बुध और शुक्र राजसिक, मंगल और शुक्र तामसिक ।
नवग्रह और कारक स्थान : सूर्य धर्मस्थल, चन्द्रमा जल स्थान, बुध खेलने का स्थान, गुरु अध्ययन का स्थान, शुक्र शयन कक्ष, शनि शौचालय स्थान का कारक है ।
नवग्रह और धातु : सूर्य हड्डियों का कारक, चन्द्रमा खून का कारक, मंगल रक्त कणों का कारक, बुध त्वचा का कारक, गुरु मोटापे का कारक, शुक्र आकर्षण का कारक, शनि नसों का कारक है ।