Lesson 27 - Vishesh Greh Dosh Ke Liye Upay
कलियुग के इस दौर में हर किसी की जन्म कुण्डली किसी ना किसी ग्रह दोष एवं ऋण से पीड़ित होती है , जिनकी चर्चा पिछली पोस्ट में कर दी गई है जिन में बताये गए उपाये करने से निश्चित ही लाभ देते हैं । ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष ग्रह एवं भाव पीड़ित होने से जातक का जीवन उम्र के हर दौर में किसी ना किसी परेशानी से घिरा रहता है , जैसे कि अगर किसी की जन्म कुण्डली में केंद्र के भाव ( 1, 4, 7, 10 ) में कोई भी शुभ ग्रह ना होकर सिर्फ अशुभ और पापी ग्रह ( सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु ) ही विराजमान हो तो उसको जीवन में ना तो स्थाई आय का साधन मिलता है और ना ही सुख से भरपूर घर मिलता है , ऐसे जातक का मन हमेशा परेशान रहता है । इसी तरह अलग अलग ग्रहों के पीड़ित होने पर अलग अलग तरह के प्रभाव जीवन पर पड़ते हैं , लेकिन सरल से उपाये करने से इन गम्भीर परेशानियों को दूर किया जा सकता है , जैसे कि :
लग्न भाव में अशुभ ग्रह की स्थिति हो तो ऐसे जातक को तांबे का सूर्य बनवा कर गले में धारण करना चाहिए , और शनिवार के दिन शनि की चीज़ों के दान करने चाहिए ।
द्वितीय भाव में अशुभ ग्रह की स्थिति हो तो गले में चांदी की चेन धारण करें , साथ में शनिवार के दिन केतु ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान करने चाहिए ।
तृतीय भाव में पापी ग्रह शूभता देते हैं और सौम्य ग्रह जैसे कि चन्द्रमा और शुक्र अशुभता देते हैं, इस लिए तृतीय भाव की शूभता के लिए दाय हाथ में तांबे का कड़ा धारण करना चाहिए , साथ में चन्द्रमा से संबंधित दान करने चाहिए ।
चतुर्थ भाव में पापी ग्रह अशुभता देते हैं, इस लिए इस स्थिति में भाव की शूभता के लिए अपने पास चांदी का चोकोर टुकड़ा रखना चाहिए , साथ में मंगल ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान करने चाहिए ।
पंचम भाव की शूभता के लिए पंचम भाव में विराजमान ग्रह या पंचमेश से संबंधित धार्मिक पुस्तक का दान किसी योग्य ब्राह्मण को करना चाहिए, साथ ही राहु से संबंधित चीज़ों के दान करने चाहिए ।
छ्ठे भाव में पापी ग्रह शूभता देते हैं और सौम्य ग्रह अशुभता , इस लिए छ्ठे भाव की शूभता के लिए छ्ठे भाव के कारक ग्रह मंगल एवं शनि ग्रहों से संबंधित चीज़ों के दान मंदिर में करें , साथ ही चन्द्रमा एवं शुक्र ग्रहों से संबंधित चीज़ों के दान गरीब ज़रूरतमंद लोगों में करें ।
सप्तम भाव में नैसर्गिक शुभ ग्रह शूभता देते हैं, लेकिन अगर पापी एवं क्रूर ग्रह इस भाव में विराजमान होकर अशुभ ग्रह दे रहे हो तो उन से संबंधित चीज़ों को नदी नहर के पास दबाना चाहिए या फिर ज़रूरतमंद स्त्रियों में संबंधित चीज़ों का दान करना चाहिए । इस के साथ ही सूर्य ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान रविवार के दिन करने चाहिए ।
अष्टम भाव मृत्यु भाव होने के कारण इस भाव में कोई भी ग्रह शूभता नहीं दे पाता, इस लिए जो भी ग्रह इस भाव में विराजमान हो उस से संबंधित चीज़ों को श्मशान में दबाना चाहिए , या फिर ओषधि स्नान करना चाहिए , इस के साथ ही चन्द्रमा से संबंधित चीज़ों के दान सोमवार या अमावस्या पर करने चाहिए ।
नवम भाव में भी नैसर्गिक शुभ ग्रह शूभता देते हैं इस लिए यदि यहां पापी एवं क्रूर ग्रह विराजमान हो तो उन से संबंधित चीज़ों के दान धर्मस्थल में करने चाहिए , साथ ही गुरु ग्रह के शत्रु ( बुध, शुक्र, शनि, राहु ) के दान करने चाहिए ।
दसम भाव में पापी एवं क्रूर ग्रह शूभता देते हैं, इस लिए यदि यहां शुभ ग्रह विराजमान हो तो उन से संबंधित दान सरकारी संस्थान में करने चाहिए, एवं उन से संबंधित भोजन पदार्थों का दान कुष्ठ रोगियों में करने चाहिए , इस के साथ ही ब्रहस्पति ग्रह से संबंधित दान ज़रूरतमंद लोगों में करने चाहिए ।
एकादश भाव में पापी एवं क्रूर ग्रह शूभता देते हैं इस लिए इस भाव में विराजमान ग्रह की बेहतरी के लिए ग्रह से संबंधित रंग का रुमाल अपने पास रखना चाहिए, सफेद चंदन का तिलक मस्तक पर करना चाहिए, इस के साथ ही मंगल ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान मंगलवार के दिन ज़रूरतमंद लोगों में करने चाहिए ।
व्यय भाव मोक्ष भाव होने के कारण इस भाव में कोई भी ग्रह अपनी शूभता नहीं दे पाता, इस लिए इस भाव में विराजमान ग्रह की शूभता के लिए ग्रह से संबंधित चीज़ों को घर की छत पर रखना चाहिए , ग्रह से संबंधित वस्तु से हवन करना चाहिए , इस के साथ ही बुध ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान बुधवार के दिन करने चाहिए ।