Lesson 24 - Navgrehon Se Sambandhit Daan
जन्म कुंडली में यदि कोई ग्रह कमजोर है या अशुभ भाव का स्वामी हो एवं अन्य भाव को देख कर अपना अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो उस ग्रह को शांत करना आवश्यक होता हैं जिस्से ग्रह अपना प्रतिकूल प्रभाव के स्थान पर अनुकूल प्रभाव प्रदान करें। किसी भी ग्रह के प्रभाव को अनुकूल बनाने का सरल उपाय हैं उस ग्रह से संबंधिक वस्तु विशेष का जल प्रवाह या दान करना, जिस से ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सके । जानकारी के लिए बता दें कि जन्म कुण्डली में जो ग्रह अपनी या उच्च राशि में हों उन से संबंधित दान नहीं किये जाते, और जो ग्रह जन्म कुण्डली में नीच या शत्रु राशि में हों उन से संबंधित दान लेने से परहेज़ करना चाहिए , बल्कि ज्योतिष अनुसार ऐसे ग्रह से संबंधित चीज़ों के दान करने चाहिए , नवग्रहों से संबंधित वस्तुएं निम्न अनुसार हैं :
सूर्य : गेहूँ, ताँबा, घी, गुड़, माणिक्य, लाल कपड़ा, मसूर की दाल , खट्टी चीजें
चन्द्रमा : मोती, चाँदी, चावल, चीनी, जल से भरा हुवा कलश, सफेद कपड़ा, दही
मंगल : मूंगा, लाल मसूर, घी, गुड़, लाल कपड़ा, रक्त चंदन, गेहूँ, केसर, ताँबा
बुध : पन्ना, हरी मूँग, हरा कपड़ा, चाँदी, फूल, काँसे का बर्तन, कपूर
ब्रहस्पति : पुखराज, चने की दाल, हल्दी, पीला कपड़ा, गुड़, केसर, पीला फूल, घी
शुक्र : चांदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, इत्र, सफेद चंदन
शनि : नीलम रत्न, काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काले तिल, चमड़ा
राहु : नीला कपड़ा, गोमेद, कंबल, साबूत सरसों (राई), ऊनी कपड़ा, काले तिल, नारियल
केतु : सात प्रकार के अनाज, काजल, झंडा, ऊनी कपड़ा, तिल
यह दान 43 दिन करने चाहिए , चाहे ग्रह से संबंधित दिन को करें , चाहे नक्षत्र दिन पर चाहे लगातार 43 दिन ।