Janam Kundli Me Budh Ka Mahatav

 Janam Kundli Me Budh Ka Mahatav 

सबसे ज़्यादा ignore किया जाने वाला बुध ग्रह

 

ज्योतिष में बुध को इतना महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है कि जातक का अच्छा या बुरा दोनो तरह के समय को बुध से जोडा जाता है, यदि बुध कुण्डली में अशुभ है तो धन की स्थिति तो कमज़ोर रहेगी ही, साथ ही जातक वाणी दोष से भी पीडित होगा | क्युकि एक अच्छा वक्ता बनने के लिए जातक को बहस में नहीं पडना चाहिए, बल्कि बहस की जगह discussion को चुनना चाहिए | बुध को समय के साथ इस लिए जोड सकते हैं, क्युकि बुध ही सब से ज़्यादा तेज़ गती वाला ग्रह है, जैसे समय अपनी चाल से चलता रहता है | तो ऐसे में यदि जातक का बुध अशुभ हो तो जातक दुनियादारी में समाज में हमेशा पीछे ही रहता है, क्युकि उस के सभी कार्य देरी से होते हैं, देरी से नौकरी लगेगी, देरी से विवाह होगा, देरी से घर के सुख मिलेगे, जिन्दगी के हर कार्य में देरी, यहाँ तक कि जातक रोज़ाना की दिनचर्या में सुबह देरी से उठने वाला, फ़िर जल्दबाजी में सुबह का खाना छोड़ने वाला, किसी से मिलने जाना हो तो देरी से ही पहुंचने वाला, या फ़िर मिलने आने वाला उसको बहुत इंतज़ार करवाये |

इसी लिए लाल किताब में भी बुध को महत्वपूर्ण माना गया है कि बुध को खाली बरतन से जोडा गया है, बुध गोल होता है इस लिए बुध का प्रतीकात्मक रूप खाली घडे को माना गया है | ऐसे में यदि कुण्डली में बुध अशुभ हो तो जातक को ज़्यादातर समय खाली बिताना पडता है क्युकि चीज़े मन मुताबिक नहीं चलती, जातक को मन पसंद कालेज या डिगरी के लिए admission ना मिले तो जातक को उस के इंतज़ार के लिए खाली बैठना पडे, पढाई के बाद नौकरी ना मिले तो उस के लिए खाली बैठना पडे, जातक किसी से काम से मिलने गया, वो बन्दा बहुत इंतज़ार करवाये तो उस समय में खाली बैठना पडे, तुम किसी विवाह शादी, किसी पार्टी में जाओ, और फ़िर वहां तुम कोई ना पूछे कि वहां पर भी जैसे तुम को खाली ही बैठना पडे, और पार्टी छोड़ कर ही आने का मन करे | कहने का मतलब दिन का ज़्यादातर समय जैसे जैसे खाली ही गुज़रे, जैसे खाली मटका बजता, वैसी ही हालत |

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उपाये : खाली मटका प्रतीकात्मक रूप में, जो कच्ची मिट्टी का बना हो, उस को चलने पानी में जल प्रवाह करना है, कि वो कच्ची मिट्टी का घडा धीरे धीरे पानी में मिट्टी ही बन जाये और बह जाये, याद रहे कि वो घडा पानी में तैरता ना रहे, नहीं तो उपाये सफ़ल नहीं होगा | जैसे जैसे वो खाली घडा जल प्रवाह के रूप में नश्ट होता जायेगा, वैसे वैसे अशुभ बुध का प्रभाव दूर होता जाएगा, नदी नहर ना हो तो झील हो सकती है, तालाब हो सकता है | और ये उपाये 11 बुधवार करना है , और बुध की दिक्कत दूर | अगर ऐसा नहीं कर सकते तो पक्षियों की सेवा बुधवार के दिन करनी चाहिए, विशेष कर बुधवार के दिन तोता खरीद कर उसको पिंजरे से आज़ाद करवाएं और पिंजरा तोड़ कर कचरे में फेंक दें, ऐसा वर्ष में 11 बुधवार करें , आपका बुध ग्रह आपको शुभ फल देने लगेगा । इस के इलावा दाहिने हाथ की सब से छोटी उंगली में चांदी का छल्ला भी धारण कर सकते हो , इस से भी बुध ग्रह के अशुभ फल दूर होते हैं । 

Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

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