Astrology Transits 2022 Oct Month

Astrology Transits 2022 Oct Month -  Deep Ramgarhia

astrology transits 2022

astrology transits, jupiter saturn transits 2022,

current transits, current astrological transits,

अक्तूबर महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव - दीप रामगढ़िया 

बुध ग्रह  राशि परिवर्तन : वर्तमान समय में बुध कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं जो की 26 अक्तूबर से तुला राशी में गोचर करेगें | पिछले काफी दिनों से वक्री चल रहे बुध ग्रह 2 अक्तूबर से मार्गी होंगे | कन्या राशी में गोचर कर रहे बुध पर गुरु की दृष्टि है, गुरु सुख और भाग्य का कारक है | इस गोचर से बुध के कारक विषय मित्रता, आर्थिक लेन देन, यात्रा प्रभावित होंगे | किसी मित्र की सलाह से लाभ, रुके हुए आर्थिक कार्य बनेगे, इस शुभ समय में किसी भी तरह की खरीद बेच के कार्य सुख देंगे, यात्रा से भी सुख की प्राप्ति होगी | यानि 2 अक्तूबर से 26 अक्तूबर का समय अच्छा है | ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में बुध का गोचर 1 से 6 और 11 भाव में शुभता देता है, जबकि अन्य भाव में बुध गोचर के फल अशुभ जानने चाहिये

लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है । बुध अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो प्रतियोगिता में विजय, सरकारी नोकरी की प्राप्ति, व्यापार में लाभ, प्रोजेक्ट या नए टेंडर की प्राप्ति, यात्रा में सुख की प्राप्ति होती है, जबकि बुध अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा तो व्यापार में हानि, मित्रता में धोखा, प्रतियोगिता में पराजय, आय प्राप्ति में रुकावट, बहन, बेटी से कष्ट मिलता है । इस नाते जिन को भी बुध के अशुभ फल मिल रहे हो उनको बुध की शुभता प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन हरी मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, चारा, कच्चा घड़ा दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए ।

शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन : वर्तमान समय में शुक्र का गोचर कन्या राशि में है जो कि 2 अक्तूबर से अस्त हो जाएगे और 20 नवम्बर को उदय होंगे | ज्योतिष अनुसार अस्त शुक्र के दौरान शुक्र के कारक विषय शुभता नहीं देते | जैसे कि अस्त शुक्र में नये रिश्ते जोड़ना, विवाह करना, नये मित्र या नई सांझेदारी की शुरुआत, वाहन खरीदना, घरेलू सुख की वस्तु खरीदना शुभता नहीं देते | इसके बाद 18 अक्तूबर से शुक्र तुला राशी में गोचर करेगे अगले 25 दिनों के लिए | यहाँ पर शुक्र केतु युति बनेगी | यह दोनों एक दुसरे के शत्रु ग्रह है | इस नाते तुला राशी में शुक्र अशुभ प्रभाव में होंगे, लोगो के लिए आर्थिक हानि, पति पत्नी में झगड़े, वाहन दुर्घटना, घर में चोरी, कीमती सामान का गुम होना जैसी घटनाये सामने आती रहेगी | ज्योतिष अनुसार शुक्र वाहन सुख, भोतिक सुख, सांझीदार सुख के कारक है | ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के 2, 4, 5, 7, 9 और 12वे भाव में शुभता देता है

लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिये की कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहा सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर अपने कारक विषय अनुसार फल देता है | शुक्र अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो वाहन सुख, वस्त्र और भोजन पदार्थो के सुख, सांझीदार के सुख की प्राप्ति होती है | जबकि शुक्र अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा हो तो प्रेम संबंध टूटते हैं, वस्त्र और वाहन खराब होते है, घर की भोतिक सुख की वस्तुयों में खराबी आती है | इस तरह यदि शुक्र के अशुभ फल मिल रहे हो तो शुक्र की शुभता प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन दूध, दही, चावल, खीर, घी, शिंगार के सामन के दान किसी महिला को या देवी मन्दिर में करने चाहिये |

current transits, current astrological transits,

birth chart transits, natal chart transits,

transits astrology calculator, astrology transits today,

सूर्य राशि परिवर्तन : वर्तमान समय में कन्या राशि में गोचर कर रहे सूर्य ग्रह 17 अक्तूबर से तुला राशि में गोचर करेंगे अगले 30 दिनों के लिए । तुला राशि सूर्य के लिए नीच राशी है | इस लिए यहाँ सूर्य के फल कमजोर होंगे | ज्योतिष अनुसार सूर्य पिता, सरकार, प्रतिष्ठा का कारक है | इस नाते 17 अक्तूबर से 16 नवम्बर तक पिता पुत्र में सुख का आभाव, बोस और अधिकारी वर्ग से समस्या, प्रतिष्ठा की कमी के अनुभव होंगे |  लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है । 

जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य पिता पुत्र और सरकार से सुख, रोग प्रतिरोधक क्षमता, बोस और बड़े अधिकारियों की तरफ से सुख और सहयोग ,प्रतिष्ठा का कारक है । और सूर्य का गोचर चंद्र कुण्डली के 1, 3, 5, 6, 9 , 10, 11वे भाव में शुभता देता है जबकि अन्य भाव में सूर्य का गोचर कष्टकारी होता है । ज्योतिष अनुसार सूर्य के शुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र के सुख में वृद्धि, सरकार से लाभ, नोकरी में तरक्की और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है जबकि सूर्य के अशुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र में आपसी वैर विरोध, सरकार से दण्ड, नोकरी में अपमान और तरक्की में रुकावट आती है । इस नाते जिन को भी सूर्य के अशुभ फल मिल रहे हो उनको सूर्य के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए रविवार के दिन आटा, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, कोई भी अनाज के दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए ।

मंगल ग्रह का गोचर : वर्तमान समय में मंगल का गोचर वृषभ राशि में है | मंगल 16 अक्तूबर से मिथुन राशी में गोचर करेगे अगले 28 दिनों के लिए । वृषभ राशी मंगल के लिए शत्रु राशी है | और पड़ोसी भाव में राहू की स्थिति है | ज्योतिष अनुसार जब भी किसी ग्रह के पड़ोसी भाव में शनि या राहू जैसे अशुभ ग्रह की स्थिति हो तो वह ग्रह अशुभ हो जाता है | इस नाते 16 अक्तूबर तक मंगल के फल अशुभ हैं | ज्योतिष अनुसार मंगल साहस, भाई बंधु, रोग, ऋण, शत्रुता का कारक है | इस नाते जिनकी भी जन्म कुंडली में अंगारक योग, मंगल अस्त या नीच राशी का है, उनको 16 अक्तूबर तक क्रोध की वजह से नुकसान, मित्र और रिश्तेदारों से झगड़े, चाचे के परिवार या भाई से परेशानी, तेजधार चीजों से नुकसान का भय, बहस और झगड़े में पराजय का भय रहेगा | इसके बाद मंगल का गोचर अगले 28 दिनों के लिए शुभकारी रहेगा | 

लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है  मंगल का गोचर चंद्र कुण्डली के 1, 3, 5, 6,  10, 11वे भाव में शुभता देता है जबकि अन्य भाव में मंगल का गोचर कष्टकारी होता है । मंगल अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो शुभ प्रभाव के रूप में ज़मीन और भाई बंधुओं के सुख की प्राप्ति, शत्रु पर विजय, पुत्र संतान से सुख और नोकरी में तरक्की की प्राप्ति होती है जबकि मंगल के अशुभ प्रभाव के रूप में झगड़े में पराजय, भाई बंधुओं से कष्ट, चोट और दुर्घटना से शारीरिक कष्ट, नोकरी में  अपमान और आर्थिक हानि होती है । इस नाते जिन को भी मंगल के अशुभ फल मिल रहे हो उनको मंगल के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए मंगलवार के दिन लाल मसूर, शहद, लाल वस्त्र, सिंदूर, अनार, टमाटर, मीठी वस्तुओं के दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए ।

शनि मार्गी : पिछले काफी समय से वक्री रहे शनि ग्रह 23 अक्तूबर को मार्गी होंगे | ज्योतिष अनुसार शनि कर्म के कारक हैं | शनि के मार्गी होने पर आलस्य दूर होता है, कामकाज में शुभता आती है, किये गये प्रयास सफल होते हैं | गोचर में शनि जिस भी भाव में होंगे, या फिर जिस भी भाव पर दृष्टि होगी उस भाव से संबंधित फल प्राप्ति में शुभता आती है | खास कर वृषभ और तुला लग्न में शनि योगकारक होते हैं तो इन लग्न वालो का भाग्य अच्छा होगा | वर्तमान समय में शनि का गोचर मकर राशी में है यहाँ शनि 20 जनवरी 2023 तक रहेगे | इस दौरान धनु राशी पर शनि साडेसाती आखरी चरण, मकर राशी पर दूसरा चरण और कुम्भ राशी पर साडेसाती का पहला चरण रहेगा | जबकि मेष और सिंह राशी पर शनि की ढैय्या रहेगी | ज्योतिष अनुसार शनि का गोचर 3, 6, 10, 11 भाव में शुभता देता है

शनि अपनी दशा या गोचर में शुभता दे रहा हो व्यक्ति मेहनती होता है, किसी तरह के रोग और आलस्य परेशान नहीं करते, जिस भी कार्य में प्रयास किये जाते हैं वह कार्य बिना किसी बाधा के समय पर होते हैं, अपने से नीच लोग यानि नौकर उचित सम्मान देते हैं | जबकि शनि अपनी दशा या गोचर में अशुभता दे रहा हो तो व्यक्ति आलसी होता है, सर्दी जुकाम के रोग परेशान करते हैं,  कार्यो में बाधा आती है, अपने से नीच लोग यानि नौकर दुष्टता करते हैं | इस नाते जिनको भी शनि के अशुभ फल मिल रहे हो उनको शनि की शुभता के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करना चाहिए, लोहे और चमड़े के सामान का दान करना चाहिए, सुबह शाम कुछ व्यायाम करना चाहिए जिस से शरीर से पसीना बहे और आलस्य दूर हो, तेल में बनी चीजों से परहेज़ करना चाहिए |         

पूर्णिमा तिथि : 9 अक्तूबर दिन रविवार को अश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी । पूर्णिमा तिथि के आराध्य देव नारायण जी हैं , इस लिए इस दिन ब्रहस्पति ग्रह की मज़बूती के लिए सत्य नारायण जी की कथा का आयोजन घर मे किया जाता है , जिनकी जन्म कुण्डली में बृहस्पति ग्रह कमज़ोर या पीड़ित या गुरु राहु की युति होती है उनको इस दिन व्रत करते हुए पीली चीज़ों का दान मंदिर में करना चाहिए ।

अमावस्या तिथि : 25 अक्तूबर दिन मंगलवार को कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि रहेगी । क्योंकि यह दिन पितरों की पूजा और श्राद्ध कर्म करने का होता है । जिनकी कुण्डली में पितर दोष होता है , उनको इस दिन पितरों के निमित्त विशेष पूजा और दान करने चाहिए । किसी पण्डित के सानिध्य में पितृ दोष दूर करने के लिए शांति पूजन करवाएं । इस दिन कुण्डली में बनने वाले शनि राहु केतु से संबंधित दोष को दूर करने के उपाये लाभ देते हैं । इस नाते जीवन में सुख और तरक्की के लिए इस दिन दूध, जल, अन्न, खीर का दान ज़रूर करना चाहिए ।

सभी के लिए यह अक्तूबर का महीना मंगलमय हो यही प्रभु के श्री चरणों में प्रार्थना , जय श्री राधे

अगर आपको यह जानकारी पसंद आए तो हमारे blog को follow करें, और दोस्तों के साथ भी share करें | और यदि आप हमे ज्योतिष से संबंधित कोई सुझाव देना चाहते हैं, या फिर ज्योतिष से संबंधित जानकारी चाहते हैं तो भी आप comment करके जरुर बताएं | Deep Ramgarhia

birth chart transits, natal chart transits,

transits astrology calculator, astrology transits today,

transits astrology, astrology transits 2023,

 

 

Deep Ramgarhia

blogger and youtuber

Post a Comment

Thanks for visit here, If you have any query related to this post you can ask in the comment section, you can also follow me through my facebook page

Previous Post Next Post